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लिंग पत्थर जैसा होना, लिंग लोहे जैसा होना, लिंग रॉड जैसा होना, ये सब एक तरह से एक ही वाक्य के पर्यायवाची हैं और वो है, लिंग का इतना कठोर हो जाना, ताकि वो ठीक से लंबा मोटा हो सके, और योनि के अंदर दृढ़ता से जा सके।
लिंग में तनाव कैसे आता है? और लिंग इतना कठोर कैसे हो जाता है।
लिंग लचीली मांसपेशियों से बना एक एरेकटायल टिशू ऑर्गन होता है। जो लंबाई में छोटा बड़ा हो सकता है। ए क स्वस्थ पुरुष जिसकी आयु 18 से 45 साल के बीच होती है, उसके लिंग में पूर्ण तनाव आता है, उसका दिल स्वस्थ होता है, और शक्तिशाली होता है, जो शरीर के समस्त भागों तक रक्त को पूर्ण रूप से पम्प करने में सक्षम होता है।
स्वस्थ जवान पुरुष के शरीर की नसें (धमनियाँ, शिराएं) भी स्वस्थ होती हैं, न तो वो सिकुड़ी हुई होती हैं, और न ही उन्मे किसी तरह का रोओग होता है। ये नसें, रक्त को शरीर के विभिन्न अंगों तक पूरी ताकत के साथ प्रवाहित करती हैं। और ठीक इसी तरह ये नसें, लिंग में भी रक्त को पूरी ताकत से बहाती हैं।
जैसे ही पुरुष यौन रूप से उत्तेजित होता है, तो उसका ह्रदय तेज़ी से धड़कन शुरू कर देता है, और उसकी शक्तिशाली नसें, ज़्यादा से ज़्यादा रक्त लिंग में प्रवाहित करती हैं, इसका नतीजा ये होता है, कि लिंग में उपस्थित थैलियाँ, जो सामान्य अवस्था में खाली रहती हैं, वो रक्त से पूरी तरह भर जाती हैं, और इन्ही थैलियों के फूल जाने के कारण लिंग आकार में बड़ा हो जाता है। लिंग की लंबाई और मोटाई दोनों बढ़ जाते हैं, और सबसे बड़ी बात ये है, कि लिंग कठोर हो जाता है। इतना कठोर, जिसको पत्थर जैसा कठोर या लोहे जैसा कठोर कहा जाता है।
इसके साथ ही उत्तेजना के समय पुरुष हॉर्मोन एक खास किस्म कि गैस को रक्त में प्रवाहित करता है, ये गैस लिंग की नसों को फ़ैला देती है, और लिंग में ज़्यादा से ज़्यादा रक्त ले जाने में, मदद करती है।
क्यों आ जाता है कुछ पुरुषों के लिंग में ढीलापन?
18 साल से 45 साल के बीच भी, बड़ी संख्या में पुरुषों के लिंग में ढीलेपन कि समस्या बढ़ रही है। वैज्ञानिक रूप से देखा जाए, तो किशोरावस्था में, 18 साल से 25 साल कि उम्र तक लड़कों में, पुरुष हॉर्मोन की मात्रा सबसे अधिक होती है, और उनमें लिंग उत्थान कि गुणवत्ता सबसे अच्छी होती है। लेकिन जैसे जैसे उम्र बढ़ती है, पुरुष हॉर्मोन का निकलना धीरे धीरे कम होता जाता है। हालांकि फिर भी, 45 वर्ष की आयु तक, प्रचुर मात्रा में पुरू हॉर्मोन निकलता है, और लिंग में पूरी कठोरता रहती है।
लेकिन अगर किन्ही कारणों से पुरुष हॉर्मोन का स्रावण ज़्यादा गिर जाता है, तो शरीर के विकास की गति कम हो जाती है, शरीर में अंदरूनी दुर्बलता आने लगती है, और शरीर के अंदरूनी यंग जैसे, लिवर (यकृत), गुर्दे, दिल, दिमाग, पाचन तंत्र सभी प्रभावित होते हैं, और नतीजा ये होता है, कि लिंग में पूरी तरह रक्त नहीं जा पाता है। नसें कमजोर पद जाती है। नाड़ी तंत्र, तंत्रिका तंत्र और मासपेशियाँ भी कमज़ोर हो जाती हैं। और पुरुष न केवल लिंग मे ढीलेपन बल्कि शीघ्रपतन जैसी दूसरी सैक्स संबंधी परेशानियों का शिकार हो जाता है। उसकी सैक्स में रुचि भी कम हो जाती है।
किन कारणों से गिर सकता है पुरुष हॉर्मोन का लेवल
किसी बीमारी की वजह से अंदरूनी शारीरिक कमज़ोरी आ जाना
किसी भी जवान पुरुष में कोई लम्बी बीमारी का हो जाना, जो उसके अंदरूनी अंगों को स्थायी या अस्थायी रूप से ख़राब कर सकती है, उसकी वजह से कभी कभी पुरुष होर्मों का निकलना कम हो जाता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी लड़के को पीलिया हो जाता है, तो निश्चित रूप से कुछ समय के लिए उसका जिगर ठीक से कार्य नहि करेगा, और इसका प्रभाव शरीर के विकास पर पड़ेगा। और विकास बाधित होने पर शरीर में विबिन्न प्रकार की जैविक किर्याएँ प्रभावित हो सकती हैं, जिनमे पुरुष होर्मोन का कम हो जाना भी एक परिणाम हो सकता है।
अगर किसी को कम आयु में मधुमेह हो जाता है, और वो मधुमेह को नियंत्रित करने में लम्बे समय तक असफल रहता है, तो इस स्थिति में भी शरीर के विकास पर प्रभाव पड़ता है।
अवसाद और तनाव
तनाव और अवसाद की वजह से भी कुछ समय के लिए पुरुष होर्मोन कम हो जाता है।
अंग्रेज़ी दवाओं का अधिक सेवन
अंग्रेज़ी दवाओं का आदि हो जाना भी पुरुष होर्मोन के सिक्रीशन को प्रभावित कर सकता है। ख़ासतौर से तनाव औरअवसाद रोधी अंग्रेज़ी दवाएँ, स्टेरॉड्ज़, दिल की बीमारियों में दी जाने वाली दवाएँ पुरुष होरमोन को प्रभावित करती हैं। और लिंग में ढीलेपन पैदा करने में काफ़ी ख़तरनाक हो सकती हैं। ये दवाएँ पेरमानेंट नपुंसकता के लिए उत्तरदायी हो सकती है।
किसी भी वजह से शरीर की धमनियों और शिराओं का कमजोर हो जाना
अगर किसी दिल की बीमारी की वजह से, या किसी दवा के असर से शरीर का नाड़ी तंत्र प्रभावित होता है, तो इसका सीधा असर लिंग में तनाव पर पड़ता है।
तंत्रिका तंत्र का कमजोर हो जाना
तंत्रिका तंत्र का कार्य शरीर में एक बड़े लेवल का होता है, शरीर की तंत्रिकाएँ हाई सूचनाओं को पूरे शरीर में संचारित करती हैं। होरमोंस के सही से काम करने, और मासपेशीयों में शक्ति के लिए भी तंत्रिकाएँ कार्य करती हैं। मज़बूत तंत्रिका तंत्र पुरुष होर्मोन को शरीर में अच्छे तरीक़े से कार्य करने के लिए ज़रूरी है।
ख़राब खानपान और ग़लत लाइफ़ स्टाइल
जंक फ़ूड का अधिक प्रयोग, सोने जागने की ग़लत आदतें भी समय से पहले पुरुष होर्मोन के गिरने को बढ़ाती हैं।
बढ़ती उम्र
जैसे जैसे आयु बढ़ती है, और ख़ासतौर से ४५ वर्ष की आयु के बाद पुरुष होर्मोन का लेवल तेज़ी से गिरने लगता है। ऊम्र के साथ पुरुष हार्मोन का गिरना स्वभाविक है। लेकिन अगर अच्छे स्वास्थ्य को बनाया रखने की मेहनत की जाती रहे, तो बढ़ती ऊम्र के साथ भी पुरुष हार्मोन के गिरने की दर को कम किया जा सकता है।
लिंग को पत्थर जैसा करने के प्रकर्तिक तरीक़े
1. तनाव लाने की आधुनिक दवाएँ और उनके भयानक नुक़सान
मॉडर्न मेडिसिन में, लिंग को कठोर करने के लिए दवाएँ उपलब्ध हैं, जैसे सिल्डेनफ़िल, टाडालाफ़िल इत्यादि। ये दवाएँ दवा खाने के कुछ घंटे तक कम करती हैं। अर्थात् अगर आप इनमे से कोई दवा लेते हैं, और ३-४ घंटे के अंदर सम्भोग करते हैं, तो सम्भोग के समय ये आपके तनाव की समस्या को ठीक कर सकती हैं। लेकिन उसके बाद इनका प्रभाव समाप्त हो जाता है। और इन दवाओं का फिर से फ़ायदा लेने के लिए आपको दोबारा से दवा खानी होगी। साथ ही साथ इन दवाओं के नियमिट सेवन से शरीर पर काफ़ी हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं, जैसे लिवर प्राब्लम्ज़, हार्ट प्राब्लम्ज़ इत्यादि। और लगातार इन दवाओं का सेवन करते रहने से ये अपना काम करना भी बंद कर देती हैं। और इनको खाने के बाद भी लिंग में तनाव नही आता है। परिणाम स्वरूप एक समय ऐसा आता है कि पुरुष पूरी तरह से नपुंसक हो जाता है।
तनाव बढ़ाने के नैचरल तरीक़े
सबसे प्रभावी तरीक़ा – जिस कारण नपुंसकता का जन्म हुआ उन करणो को मिटाने की कोशिश करना
ऊपर हमने विभिन्न कारण बताए जो समय से पहले लिंग में तनाव की कमी को जन्म देती हैं। अगर आप इन सभी कारण को हाई ख़त्म कर देते हैं, या इन कारणो से हुए नुक़सान की भरपायी करने में सफल हो जाते हैं, तो ये नपुंसकता का सबसे प्रभावी उपचार होगा।
लम्बी बीमारी जैसे किसी कारण लम्बे समय तक बुख़ार आने, पीलिया हो जाने, पेट ख़राब रहने से अगर शरीर में कमज़ोरी आ गयी है, तो आपको उस कमज़ोरी की भरपायी करने की कोशिश करनी चाहिए। जिगर, तंत्रिका तंत्र, पाचन तंत्र, और मासपेशियों की कमज़ोरी को दूर करने के लिए आप देसी नुस्ख़े, स्वस्थ संतुलित पोशाक तत्वों से भरपूर खाना खाकर, संतुलित व्यायाम करके, और अच्छी नींद लेकर पूरी कर सकते हैं।
मधुमेह या दिल की बीमारियों की वजह से आयी शारीरिक कमज़ोरी की भरपायी आप परहेज़ करके कर सकते हैं। डॉक्टर के बताए गये अनुसार उचित औषधियाँ लें, जो आपकी इस तरह की समस्याओं को बढ़ने न दें। आपकी ब्लड शुगर नॉर्मल रहे, आपका रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) नोर्मल रहे, तो इस तरह की स्वास्थ्य संबंधी दशाओं में आई मर्दाना कमज़ोरी को नियंत्रित किया जा सकता है।
लिंग में तनाव बढ़ाने के लिए व्यायाम
वजह चाहे जो भी हो, कुछ व्यायाम ऐसे हैं, जिनको करके लिंग में तनाव को बढ़ाया जा सकता है। और इन व्यायाम के बारे में में हम आपको संक्षिप्त में बताने जा रहे हैं।
कीगल व्यायाम
ये व्यायाम जितना आसान है, उतना ही प्रभावी है। और इस व्यायाम को करने के दो तीन में ही लिंग के ढीलेपन को कम करने में मदद मिलती है।
क्या होता है कीगल व्यायाम
लिंग और गुदा के बीच जो क्षेत्र होता है, उसका पेल्विक फ्लोर कहा जाता है, और इस क्षेत्र को जो मासपेशियाँ नियंत्रीत करती हैं, उनको पेल्विक मसल्स या कीगल मसल्स कहा जाता है। ये मासपेशियाँ मूत्र त्याग करते समय और माल त्याग करते समय पेल्विक फ्लोर को संकुचित करती हैं (भिंचती हैं), जिसकी वजह से पुरुष या स्त्री को मलत्याग और मूत्र त्याग की क्रिया में मदद मिलती है।
लेकिन कीगल मसल्स का लिंग में तनाव बढ़ाने और शीघ्रपतन को रोकने में भी बड़ी भूमिका होती है।
कीगल मासपेशियाँ जितनी शक्तिशाली होंगी, लिंग में तनाव उतना ही अधिक आएगा।
कैसे किया जा सकता है, कीगल व्यायाम।
कोई भी ऐसी शारीरिक क्रिया, जिसकी वजह से कीगल मासपेशीयों पर ज़ोर पड़ता है, कीगल व्यायाम माना जा सकता है। उदाहरण के तौर पर जब कोई मूत्र त्याग करता हुआ हो, और अचानक से मूत्र को बीच में ही रोक दे, तो उस समय कीगल मसल्स का ही इस्तेमाल किया जाता है। और मूत्र त्याग करते समय कई बार मूत्र को बीच बीच में रोक देना कीगल व्यायाम कहा जा सकता है।
वेसे कीगल व्यायाम के विभिन्न तरीके होते हैं। नीचे दिए गए चित्रों में आप देख सकते हैं।
लिंग वर्धक यंत्र व्यायाम
लिंग वर्धक यंत्र या पीनिस पम्प एक ऐसी डिवाइस होती है, जिसके अंदर लिंग को डालकर कृत्रिम रूप से उसमे रक्त को भरा जाता है, अर्थात तनाव उत्पन्न किया जाता है, इस पूरी प्रक्रिया में लिंग की मासपेशियाँ व्यायाम करती हैं, और लिंग में शक्ति का संचार होता है। पीनिस पम्प कितना असरदार है, इसको लेकर अलग अलग लोगों की अलग अलग राय है। कुछ लोगों को मानना है, कि चूंकि ये पम्प कोशिका विभाजन की क्रिया को बढ़ाता है, तो इसके नियमित इस्तेमाल से लिंग कि लंबाई और मोटाई बढ़ती है। और साथ ही साथ लिंग में तनाव वृद्धि भी होती है।
लिंग में तनाव बढ़ाने के लिए मसाज थेरपी
लिंग पर खास विधि से बनाए गए हर्बल ऑइल कि मसाज से लिंग में रक्त संचार बढ़ता है और तनाव वृद्धि भी होती है।
लिंग में तनाव वृद्धि के लिए तेलों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। इस पर हमने एक पूरा डीटेल में बताया है। उसको पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
लिंग में तनाव वृद्धि के लिए जड़ी बूटियाँ
आयुर्वेद हो, यूनानी चिकित्सा विज्ञान या फिर चाइनीज हर्बल, सभी ऑल्टर्नटिव चिकित्सा पद्यतियों में जड़ी बूटियों का व्यापक रूप से प्रयोग किया गया है। खासतौर से सैक्स संबंधी परेशानियों में जड़ी बूटियों का काफी महत्व है। और मर्दाना कमज़ोरी में हर्बल मेडिसन काफी असरदार साबित हो सकती हैं।
आयुर्वेद
आयुर्वेद में जड़ी बूटियों, धातु भस्मों और रसायनों का प्रयोग करके सैक्स क्षमता बढ़ाने कि दवाएं तय्यार की जाती हैं। कुछ मुख्य शास्त्रीय आयुर्वेदिक योग जो मर्दाना कमजोरी दूर करने में कारगर हैं,
मन्मथ रस (Manmath Rasa)
जायफल, कपूर और शतावरी के अलावा, इस आयुर्वेदिक औषधि में, कुछ तीव्र रसायनों का प्रयोग किया गया है। जैसे टिन की राख या जिसको आयुर्वेदा में वंग भस्म बोला जाता है और अभ्रक भस्म। अभ्रक भस्म तो इतनी तीव्र नहीं होती है, लेकिन वंग भस्म का सेवन चिकित्सक की निगरानी में ही करना चाहिए। अगर शरीर पूर्णतया स्वस्थ है, तो संतुलित मात्रा में मन्मथ रस का प्रयोग लिंग में तनाव वृद्धि में प्रभावशाली माना जाता है। लेकिन ध्यान रहे, मन्मथ रस को नियमित रूप से नहीं लिया जाना चाहिए।
कामिनी विद्रावन रस (kamini vidrawan rasa)
कामिनी विद्रावन रस एक तीव्र वाजीकर आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका प्रयोग पुरुष में योनेच्छा बढ़ाने और लिंग में तनाव वृद्धि करने के लिए किया जाता है। कामिनी विद्रावन रस शीघ्रपतन में भी उपयोगी माना जाता है। विभिन्न जड़ी बूटियों के अलावा इसमे कुछ ऐसे तत्व भी डाले जाते हैं, जिनका प्रयोग नुकसानदेह भी हो सकता है। जैसे अफ्यूम और गंधक। तो बिना चिकित्सक के परामर्श के इस औषधि का उपयोग हरगिज़ न करें, अन्यथा आपको भयानक नुकसान भी उठाने पद सकते हैं।
मूसली पाक (Musli Pak)
मूसली पाक एक सुरकक्षित आयुर्वेदिक औषधि है, जो विभिन्न मर्दाना ताकत बढ़ाने वाली जड़ी बूटियों और भस्मों का प्रयोग करके बनाई जाती है। ज्ञातव्य हो कि मूसली पाक में भी टिन भस्म का प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसमे टिन की मात्रा कम होती है। लेकिन चूंकि इसमे टिन भस्म होती है, तो इसको भी बिना चिकित्सक की सलाह के प्रयोग न करें।
गोखरू (Gokshura)
गोखरू एक अद्भुत जड़ी बूटी है, जो प्रमाणित रूप से शरीर में पुरुष हॉर्मोन कि मात्रा बढ़ा सकती है। गोखरू कि टैबलेट और चूर्ण दोनों ही बाज़ार में उपलब्ध हो जाता है। आप Himalaya Gokshura Tablet बाज़ार से खरीद सकते हैं।
अन्य आयुर्वेदिक दवाइयाँ जो लिंग में तनाव वृद्धि में सहायक हो सकती हैं।
चंद्रप्रभा वटी, हिमलया कोनफिदो, डाबर कामने विद आदि।
दूसरी जड़ी बूटियाँ, लिंग में तनाव बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
अश्वगंधा, विदारी काण्ड, सालम पंजा, सलब मिस्री, कोंच बीज, मालकँगनी के बीज, गोंद कीकर, गोंद छुहारा आदि जड़ी बूटियाँ मर्दाना कमजोरी दूर करने के लिए अलग अलग मात्रा में प्रयोग की जाती हैं।
यूनानी नुस्खे
यूनानी चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद से ही प्रेरित है, और आयुर्वेद कि तरह इसमे भी जड़ी बूटियों और दूसरे रसायनों का प्रयोग करके दवाएं बनाई जाती है।
लबूब कबीर
विभिन्न जड़ी बूटियों और कुछ जानवरों के अंगों से बना ये यूनानी उत्पाद मर्दाना कमज़ोरी दूर करने और लिंग में तनाव बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है। लबूब कबीर विभिन्न यूनानी कंपनियां बना रही हैं। आप किसी अच्छी कंपनी का बनाया हुआ माजून ही इस्तेमाल करें।
माजून अरदखुर्मा
ये भी काफी उपयोगी माजून है जो यूनानी विधि से बनाया जाता है। विभिन्न प्रकार कि मर्दाना कमजोरियों में इसको फायदेमंद माना गया है।
माजून जिरयान खास
ये माजून वीर्य को पुष्ट करने अर्थात वीर्य को गाढ़ा करने में प्रयोग होता है। लेकिन ये सभी प्रकार कि मर्दाना कमजोरियों में प्रभावी माना जाता है।
गोली वाजिद अली शाह
ये दवा बिना चिकित्सक कि सलाह के प्रयोग नहीं की जानी चाहिए। इस यूनानी दवा में कुछ ऐसे तत्व डाले गए हैं, जो ह्रदय गति को अनियंत्रित कर सकते हैं। इसलिए दिल के रोगियों को ये दवा सोच समझकर ही लेनी चाहिए। ये यूनानी दवा, संभोग शक्ति बढ़ाने, शीघ्रपतन दूर करने और लिंग में तनाव वृद्धि के लिए, संभोग से कुछ घंटे पहले प्रयोग की जाती है।
रैक्स शबाब ए आज़म
रैक्स कंपनी द्वारा बनाया गया खास माजून है, जिसमे जड़ी बूटियों के साथ कुछ जंतुओं के अंगों का भी प्रयोग किया गया है। इसमे ऊदबिलाव कि castorium ग्रन्थि, केंचुआ आदि जन्तु तत्वों का प्योंग किया गया है। ये औषधि भी सभी तरह कि मर्दाना कमजोरियों में इस्तेमाल कि जाती है।
लिंग में तनाव बढ़ाने के लिए अंतरशक्ति का प्रयोग
अंतरशक्ति का प्रयोग करके भी लिंग में तनाव बढ़ाया जा सकता है। ऐसा कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी बीमारी को स्वतः ही ठीक करने की क्षमता हमारे मस्तिष्क में होती है। हमारा मस्तिष्क हमारे शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं का नेत्रत्व करता है, और ज़्यादातर हॉर्मोन और एन्ज़ाइम से संबंधित संकेत मस्तिष्क से ही भेजे जाते हैं।
हालांकि मस्तिष्क से जाने वाली सूचनाओं पर मनुष्य का खुद का नियंत्रण नहीं होता है। लेकिन कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का विश्वास है, कि अंतर्मन का आह्वान करके काफी हद तक मस्तिष्क से भेजी जाने वाली सूचनाओं को मानव खुद नियंत्रित कर सकता है।
इसके लिए आपको एकांत में बैठकर, अनकहे बंद करके ध्यान लगाना होता है। और निरंतर ये महसूस करना होता है, कि हम अपने मस्तिष्क को नियंत्रित कर सकते हैं।
तो लिंग में अगर ढीलापन है, तो ध्यान लगाकर आपको सोचना होगा, कि आपके लिंग में तनाव बढ़ रहा है, आपके मस्तिष्क से लिंग में शक्ति बढ़ाने के संकेत भेजे जा रहे हैं, और आपके लिंग की कार्य प्रणाली ठीक हो रही है।
ऐसा आपको कई महीने तक लगातार करना होता है।
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