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सेक्स और अंडकोष
मर्द के लिए औरत का मुख्य सेक्स ऑर्गन औरत की योनि होती है और औरत के लिए मर्द का प्रधान सेक्स ऑर्गन मर्द का लिंग होता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि बाकी अंगों की सेक्स में कोई भूमिका नहीं होती है.
औरत का सारा जिस्म ही मर्द के लिए सुख का महल होता है और उसके एक एक हिस्से को मर्द एक कुशल खोजकर्ता की भांति खंगालता है. औरत के शरीर का एक एक अंग मर्द को अलग अलग तरह से उत्तेजित करता है. स्तन, क्लाइटोरिस, नितम्ब, लेबिया मजोरा सहित स्त्री शरीर का रोम रोम मर्द के लिए रोमांच और आनंद की एक दूसरी ही दुनिया के दरवाज़े खोल देता है.
जिस तरह औरत का जिस्म मर्द के लिए आनंद और सेक्स सुख भोगने का जरिया होता है वैसे ही औरत के लिए मर्द का जिस्म भी उतना ही कौतुहल, उत्सुकता से भरा और ललचाने वाला होता है.
औरत भी मर्द के जिस्म के एक एक हिस्से को क़रीब से देखना चाहती है, छूना चाहती है और सबसे ख़ास बात ये है कि समझना चाहती है. लिंग जोकि मुख्य पुरुष सेक्स ऑर्गन है के अलावा मर्द के जिस्म के सभी हिस्से औरत के लिए सेक्स सुख देने वाले होते हैं.

क्या औरत अंडकोषों को पसंद करती है?

ऐसे में सवाल उठता है कि पुरुष के अंडकोष यानी स्क्रोटम जिन्हें आम भाषा में बॉल्स भी कह देते हैं का औरत के लिए सेक्स के नज़रिये से कितना महत्त्व होता है? क्या औरतें अंडकोषों को पसंद करती हैं? क्या मर्द के अंडकोष औरत को अच्छे नहीं लगते हैं? क्या अंडकोषों को लेकर औरत की कोई प्रेफरेंस होती है यानी अंडकोष मोटे होने चाहिए, या छोटे होने चाहिए आदि?
इस बात को जानने से पहले आइये जानते हैं आखिर क्या है लिंग के नीचे लटकती हुई यह थैली जिसे अंडकोष कहते हैं.
एक पुरुष की हिम्मत उसके अंडकोषों में छिपी होती है : हैव यू गॉट द बॉल्स ?
अंडकोष जिन्हें अंग्रेजी में स्क्रोटल सैक कहते हैं और जो लिंग के नीचे एक थैली नुमा रचना के रूप में लटके रहते हैं, कई बार औरत तो क्या खुद मर्द को भी हैरत में डाल देते हैं? आखिर क्यों बनाये प्रकृति ने अंडकोष ? क्यों इन्हें शरीर से बाहर मर्द की कमज़ोर नस के रूप में लटका दिया कि अगर कोई थोड़ा सा भी दबा दे तो जान निकल जाने जैसा दर्द होता है ? लेकिन आपको जानकर हैरत होगी कि पुरुष का मुख्य सेक्स ऑर्गन उसका लिंग नहीं बल्कि अंडकोष होते हैं क्योंकि अंडकोषों के अंदर टेस्टिस होते हैं और इन्हीं टेस्टिस के अंदर स्पर्म्स बनते हैं जोकि बच्चा पैदा करने के लिए ज़रूरी होते हैं. लिंग तो सिर्फ स्पर्म्स को स्त्री के शरीर के अंदर पहुँचाने का जरिया होता है, स्पर्म्स की असल फैक्ट्री तो अंडकोष होते हैं. अंडकोषों का महत्त्व अंग्रेजी की इस कहावत से अच्छी तरह पता लग जाता है : हैव यू गॉट द बॉल्स ? जिसका शाब्दिक मतलब है, अंडकोष हैं तुम्हारे पास? और असल मतलब है : हिम्मत है तुम्हारे अंदर? तो समझे एक पुरुष की हिम्मत उसके अंडकोषों में छिपी होती है.
क्या आप जानते हैं कि अंडकोषों में मौजूद गोलियों के लिए अंग्रेजी का शब्द टेस्टिस शब्द और गवाही के लिए अंग्रेजी का शब्द टेस्टिमनी का ओरिजिन एक ही है, क्योंकि लैटिन लोग टेस्टिस देखकर गवाही के तौर पर कह सकते थे कि लड़का है या लड़की.
अंडकोष के बारे में औरतों की राय : एक सर्वे
औरतों के लिए मर्द के अंडकोष कितने मायने रखते हैं, इस बात को लेकर कई सर्वे किये गए और ज़्यादातर सर्वे के नतीजे मिले जुले थे. कुछ औरतों को कहना था कि मर्दों के अंडकोष उन्हें बिलकुल पसंद नहीं होते हैं. सेक्स की क्रिया में अंडकोष उन्हें आकर्षित नहीं करते हैं और न ही वो उन्हें पसंद करती हैं.
लेकिन ज़्यादातर औरतों ने माना कि इसमें कोई शक नहीं कि अंडकोष उन्हें उतना नहीं लुभाते हैं जितना लिंग लुभाता है लेकिन अंडकोष के महत्त्व को वे बिलकुल सिरे से भी नज़र अंदाज़ नहीं कर सकती हैं. कभी कभी वे सिर्फ किसी पुरुष के अंडकोषों को लेकर फेंटेसी करती हैं कि सड़क पर चल रहे इस लड़के के अंडकोष कैसे होंगे तो कभी -कभी वे अपने पुरुष पार्टनर के साथ टीबैगिंग भी इंजॉय करती हैं. नब्बे प्रतिशत से अधिक महिलाओं का मानना था कि जिस तरह कान, नाक और बालों का कोई प्रत्यक्ष रूप से बाहरी काम न होते हुए भी सुंदरता के लिए वे ज़रूरी हैं, इसी तरह भले ही सेक्स की क्रिया में अंडकोष कोई प्रत्यक्ष रोल न भी अदा करें लेकिन उनका सौंदर्य सम्बन्धी महत्त्व है और बिना अंडकोष के पुरुष भद्दे दिखाई देंगे. बहुत सारी महिलाओं ने माना कि वे ऐसे पुरुष के साथ सम्भोग नहीं करेंगी जिसके अंडकोष न हों.
इस सवाल पर कि किस तरह के अंडकोष औरतों को पसंद आते हैं ज़्यादतर महिलाओं ने माना उन्हें मध्यम आकार के अंडकोष पसंद आते हैं जो न बहुत बड़े हों और न बहुत छोटे. लटके हुए बड़े बड़े अंडकोष गधे जैसे लगते हैं वहीं छोटे अंडकोष नपुंसकता की निशानी . अंडकोष बहुत अधिक लटके हुए हों तो भी औरत को वे नहीं पसंद आ सकते हैं. अंडकोषों का रंग अगर लिंग के रंग से हल्का सा डार्क हो तो ये अच्छा है और अंडकोषों पर थोड़े से बाल पुरुष के पौरुषत्व की निशानी के तौर पर औरत को पसंद आते हैं.
पुरुषों से जब खुद से ये सवाल पूछ गया कि अपने अंडकोषों के बारे में उनका क्या ख्याल है? तो ज़्यादातर का ये मानना था कि अंडकोष उनके लिए एकअसुविधा हैं, उनके बदन की एक कमज़ोर कड़ी हैं जिसे प्रतिद्वंदी कभी भी दबाकर उनकी जान ले सकता है, अच्छा होता प्रकृति ने अंडकोषों को बाहर लटकाने के बजाय शरीर के अंदर बनाया होता. अंग्रेजी में तो एक कहावत भी है हैव बाई द बॉल्स जिसका शाब्दिक मतलब तो है किसी के अंडकोषों को पकड़ लेना और इसका असली मतलब है कि किसी को पूरी तरह से अपने अधीन करना, किसी की कमज़ोर नस पकड़ लेना. अफ्रीकन औरतों के बीच आत्मसुरक्षा की एक कला प्रचलित है जिसे कुआरगोयस (Qworegoys) जिसका मतलब होता है कि अगर कोई पुरुष तुम्हारी साथ ज़बरदस्ती करना चाहे तो उसकी कमर के पीछे से उसे जकड़कर तब तक उसके अंडकोष खींचना जब तक वो बेहोश न हो जाय.
एक लड़की से जब ये सवाल पुछा गया कि जब वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स करेंगी तो कौनसा एक सवाल वह पुरुष शरीर के बारे में उससे पूछना चाहेगी? उसने कहा कि वह अपने बॉयफ्रेंड से जानना चाहेगी कि क्या मर्दों को अंडकोषों का वज़न महसूस होता है.
टेक होम लाइन
टेक होम लाइन के तौर पर कामसुख टीम का कहना है कि अगर आप एक पुरुष हैं तो आपके अंडकोष आपकी कमज़ोर नस नहीं आपके मर्द होने की गवाही हैं.
और अगर आप एक औरत हैं तो आपके पुरुष पार्टनर के अंडकोष आपके लिए सेक्स सुख भोगने का एक और दरवाज़ा है, बस आपको दरवाज़ा खोलना आना चाहिए.