Table of Contents
सरसों का तेल सरसों के पौधे से प्राप्त किया जाता है, और इसके फ़ायदों और इस्तेमाल के बारे में कौन नहीं जानता है। खाना बनाने से लेकर, विभिन्न प्रकार के अचार और दूसरे तरह के व्यंजन बनाने में सरसों के तेल का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है।
सरसों कई तरह की होती है, जैसे कि काली सरसों और पीली सरसों। लेकिन इसके बीजों से काफी तेज़ गंध आती है, जो लगभग एक जैसी ही होती है, और यही गंध होती है, जो सरसों का महत्व बनाती है।
सरसों के तेल से आने वाली ये तेज़ गंध इसमे पाए जाने वाले खास किस्म के chemical molecules की वजह से आती है।

सरसों के बीज से 30 प्रतिशत तक तेल निकाला जा सकता है। और ये refind सोयाबीन की तुलना में लोगों द्वारा अधिक पसंद किया जाता है।
सरसों के तेल के घटक द्रव्य

सरसों के तेल में erucic acid नामक वसा काफी ज़्यादा मात्रा में होता है।
सरसों के तेल से आने वाली तेज़ गंध allyl isothiocyanate नामक रसायन की वजह से होती है। लेकिन जब इस तेल को गरम किया जाता है, तो ये गंध समाप्त हो जाती है।
सरसों के तेल में 60 प्रतिशत monounsaturated fatty acids, 21 प्रतिशत polyunsaturated fatty acids और 12 प्रतिशत saturated fats होते हैं।
सरसों के तेल में कुछ मात्रा में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी ऐसिड भी पाए जाते हैं, जो दिल के लिए फायदेमंद होते हैं।
सरसों के तेल की लिंग पर मालिश के फायदे

सरसों का तेल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमे magnesium sodium और potassium के साथ साथ ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी ऐसिड पाए जाते हैं, जो न केवल त्वचा बल्कि इसमे मौजूद बारीक नसों में रक्त प्रवाह बढ़ाने में मदद करते हैं।
अगर सरसों के तेल की लिंग पर नियमित रूप से मालिश की जाए, तो इससे लिंग को ब्लड सप्लाइ करने वाली नसों को पोषण मिलता है, और उनमे रक्त प्रवाह बढ़ता है। परिणाम स्वरूप पीनिस में उत्तेजना के समय अधिक रक्त जाता है, और तनाव भी बेहतर आता है।
क्या सरसों के तेल का प्रयोग करने से erectile dysfunction या नपुंसकता को दूर किया जा सकता है?

देखिए दोस्तों। सरसों के तेल की मालिश से लिंग में तनाव को बेहतर किया जा सकता है। लेकिन अगर बात erectile dysfunction की की जाए, तो इसकी कई stages होती हैं।
अगर erectile dysfunction पहली stage में है। यानि कि पीनिस में तनाव थोड़ा कम तो आता है, लेकिन फिर भी लड़का sexual intercourse कर पाने मे सक्षम होता है।
दूसरी स्टेज में तनाव और भी कम आता है, और sexual oragan में ढीलापन अधिक रहता है। साथ ही साथ sexual intercourse के दौरान कभी भी तनाव खत्म हो जाता है, और सैक्स क्रिया बाधित हो जाती है।
तीसरी stage काफी बुरी होती है, और पुरुष बिना medication के सैक्स कर ही नहीं पाता है, और उसको लिंग में तनाव लाने के लिए नुकसानदेह angrezi दवाओं पर आश्रित होना पद जाता है। धीरे धीरे ये दवाएं भी असर करना बंद कर देती हैं। और पुरुष पूरी तरह impotent हूँ जाता है। और यही कन्डिशन complete E.D कहलाती है।
तो अगर बात पहली स्टेज की की जाए, तो सरसों के तेल की मालिश से थोड़ा बहोत फायदा मिल सकता है। लेकिन आप इससे किसी जादुई प्रभाव की उम्मीद बिल्कुल न करें।
ये ठीक ऐसा ही है, जैसे आप अपने ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए exercises करते हैं। लेकिन अगर आपको दिल का दौरा जैसी समस्या पैदा हो जाए, तो फिर एक्सर्साइज़ नहीं बल्कि आपको इसका प्रापर treatment लेना होता है।
तो सरसों का तेल पीनिस मसाज के लिए अच्छा है। लेकिन ये erectile dysfunction को ठीक नहीं कर सकता है।
erectile डिस्फंगक्शन के लिए खासतौर से हर्बल ऑइल मार्केट में available होते हैं। बेहतर है कि आप किसी अच्छे हर्बल ऑइल का इस्तेमाल करें।
सरसों के तेल की पीनिस पर मसाज करने के नुकसान

guys । जब हम किसी दवा को इस्तेमाल करते हैं, चाहे वो हर्बल हो, या अंग्रेजी, तो हम ये भी ensure करना चाहते हैं, कि उसके दवा के कोई नुकसान या साइड इफेक्ट तो नहीं हैं।
सरसों के तेल की मालिश से कभी कभी पीनिस पर itching हो सकती हैं, और छोटे छोटे दाने भी हो सकते हैं। क्योंकि इस तेल की तासीर गर्म होती है। अगर आपके साथ ऐसा होता है। तो कुछ दिनों के लिए सरसों के तेल की मालिश रोक दें, और नारियल का तेल लगाएं। कोकनट ऑइल ठंडा होता है, और सरसों के तेल की वजह से हुई गर्मी के प्रभाव को खत्म करने में मदद करता है। अगर आपको साइड इफेक्ट ज़्यादा हो गया है, तो किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से कन्सल्ट कर सकते हैं।