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भारत में देसी घी गाय या भैंस के दूध से प्राप्त किया जाता है, और ये स्वास्थ्य और स्वाद दोनों ही कि दृष्टि से काफी लोकप्रिय होता है। आपको जानकर हैरानी होगी, कि अंग्रेजी में घी को घी ही कहा जाता है, और इसके लिए कोई specific टर्म नहीं होता है। इसका सीधा सा मतलब है, कि अंग्रेज भी घी को भारतीयों की वजह से ही जान पाए। वो लोग केवल मक्खन तक ही सीमित थे। और अपनी घी वाली ज़रूरत को पूरा करने के लिए पशुओं की वसा का प्रयोग करते थे। लेकिन भारतीयों के संपर्क में आकर वो मक्खन से घी बनाने का तरीका जान पाए।
देसी घी का इस्तेमाल खास खुशबूदार मिठाइयाँ, स्वादिष्ट व्यंजन, पराँठे, आदि तय्यार करने में किया जाता है। यही नहीं देसी घी का इस्तेमाल पूजा पाठ आदि में भी किया जाता है।
लेकिन यहाँ सबसे खास बात ये है, कि देसी घी का प्रयोग प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता रहा है। और आयुर्वेद के प्राचीन ग्रीनथों में लिखे गए दुर्लभ शास्त्रीय योगों में गौ घृत अर्थात गाय के घी का इस्तेमाल व्यापक पैमाने पर किया गया है। मूसली पाक आयुर्वेदिक का पुरुषों में दुर्बलता दूर करने का एक प्राचीन योग है, जिसमे गाय के घी का इस्तेमाल किया गया है। और भी न जाने कितनी देसी दवाएं हैं, जिनमे घी का इस्तेमाल शारीरिक दुर्बलता दूर करने के लिए किया गया है।
यही नहीं दुनिया भर में ऑल्टर्नटिव चिकित्सा विज्ञान में घी का प्रयोग संभोग शक्ति बढ़ाने, शुक्राणु संख्या में वृद्धि, और रोग प्रतिरोधक क्षमता आदि बढ़ाने में किया जाता है।
अगर खाने पकाने में इस्तेमाल होने वाले तेल की बात की जाए तो लोग वेस्टर्न कल्चर में भी अब घी को vegetable ऑइल पर तरजीह दे रहे हैं। और वजह साफ है, क्योंकि देसी घी में केवल वसा ही नहीं बल्कि भरपूर पोषण होता है।
देसी घी में पाए जाने वाले पोशक तत्व
देसी घी में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी acids के साथ साथ ओमेगा 9 फैटी ऐसिड भी पाया जाता है, जो काफी nutritive होता है, और शरीर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ साथ देसी घी में Vitamin A aur E भी पाए जाते हैं।
देसी घी दिल और दिमाग के ठीक से कार्य करने के लिए ज़रूरी होता है, और शरीर का अंदरूनी संतुलन बनाने में इसका बड़ा योगदान होता है।
देसी घी की लिंग (पेनिस) पर मालिश करने से क्या फायदा मिल सकता है
देसी घी में न सिर्फ ओमेगा फैटी ऐसिड पाए जाते हैं, बल्कि विटामिन Aऔर Vitamin E भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं, जो त्वचा और मांसपेशियों को पोषण प्रदान करते हैं।
अगर बात पुरुष अंग पर देसी घी की मालिश की की जाए, तो ये निश्चित रूप से लाभप्रद साबित हो सकती है।
देसी घी की यौन अंग पर मालिश करने के फायदे
देसी घी यौन अंग की त्वचा को हाइड्रैट करता है, और इसको मुलायम बनाता है। निरंतर मसाज करते रहने से hydrated skin के बीच नई कोशिकाएं बनने लगती हैं, और penis आकार में बढ़ सकता है
देसी घी पुरुष अंग की मांसपेशियों को दृढ़ता प्रदान करता है, और उत्थान के समय पुरुष अंग में कठोरता बढ़ती है, और ये सुदृढ़ मांसपेशियाँ वीर्य को जल्दी निकलने से रोकने में भी मदद करती हैं।
देसी घी लिंग की त्वचा की तंत्रिकाओं को सशक्त करता है, और तंत्रिका तंत्र के कमज़ोर हो जाने के कारण लिंग में समय से पहले आ जाने वाली शिथिलता को दूर करके लिंग में तनाव बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही साथ नर्व्स कि कमजोरी के कारण असमय हो जाने वाले शीघ्रपतन को भी दूर करता है।
अगर देसी घी की मालिश लिंग के साथ साथ लिंग के चारों ओर के भाग जैसे पेल्विक फ्लोर, ग्रॉइन एरिया और प्यूबिक एरिया पर भी की जाए, तो ऐसा करने से इन स्थानों कि मांसपेशियाँ मज़बूत होती हैं।
कैसे करें देसी घी से लिंग की मालिश
देसी घी तापमान के अनुसार सख्त और ढीला हो सकता है। सर्दियों में अगर देसी घी जम जाए, तो इसको आप हल्का गरम करके लिंग पर इसकी मालिश कर सकते हैं।
बेहतर परिणाम कर लिए आप दो चम्मच देसी घी में एक लौंग पीसकर मिला लें अच्छी तरह पेस्ट बना लें। और उससे लिंग की मालिश करें।
ध्यान रहे, कि पिसी हुई लौंग का घर्षण आपके लिंग पर न हो, इसलिए हल्के हाथ से ही मालिश करें।