सामान्य रूप से जब लड़का 13 से 14 का होता है, तो उसमे लिंग का साइज़ बढ़ना शुरू हो जाता है, और अलग अलग लड़कों में पेनिस का साइज़ 18 से 21 साल तक की आयु तक बढ़ता है।
कौन से कारक लिंग के आकार बढ़ने के लिए उत्तरदायी होता है।
लिंग का साइज़ बढ़ने में कई कारक भूमिका अदा करते हैं।
हॉर्मोन – मुख्य रूप से टेस्टोस्टेरॉन या सेक्स हॉर्मोन लिंग साइज़ बढ़ाने में कार्य करता है, और साथ ही ये दूसरे हॉर्मोन्स की मदद भी ले सकता है।
पोषण – लड़के का खान पान कैसा है, ये बात भी penile growth को affect करती है। कुछ लड़के कुपोषण का शिकार हो जाते हैं, जिसके कारण उनके शरीर में chamical reactions ठीक से नहीं हो पाती हैं, और पुरुष हॉर्मोन भी ठीक से नहीं निकल पाता है। जिस कारण उनके लिंग का साइज़ ठीक से नहीं बढ़ पाता है, और उनका लिंग छोटा ही रह जाता है।
जनेटिक्स – genetics या आनुवंशिकता अलग अलग अलग पुरुषों में अलग अलग लिंग साइज़ के लिए एक बड़ा कारक माना जा सकता है। कई बार ऐसा होता है, कि भले ही लड़का कुपोषित हो, पतला दुबला हो, लेकिन उनके अंग का साइज़ फिर भी उन लड़कों से बड़ा होता है, जो उनसे ज़्यादा फिट होते हैं, और इसके पीछे वजह यही होती है, कि उनको ये गुण अपने पिता या माँ से जुड़े किसी ऐसे पुरुष से मिलता है, जो पिता के साथ जनेटिक्स शेयर करते हैं, जैसे पिता का भाई, दादा , माँ का भाई या ग्रांड फादर इन ला।
18 साल के लड़के के पेनिस का साइज़ नॉर्मली कितना हो जाता है।
अगर आप एक पतला दुबला 18 – 19 साल का लड़का देखते हैं, और सोचते हैं, कि उसके अंग का साइज़ भी उसके शरीर के हिसाब से छोटा ही होगा, तो ये आपकी गलतफहमी होगी, क्योंकि इस ऐज में लड़कों में सेक्स हॉर्मोन उफान पर होता है, और इस ऐज में पेनिस साइज़ 4 से 7 इंच के बीच हो सकता है। और यही नहीं इस ऐज में अंग में कठोरता भी सबसे ज़्यादा होती है।
18 साल की उम्र में भी साइज़ बढ़ ही रहा होता है, जो 21 से 22 साल की उम्र तक बढ़ सकता है। हालांकि इसमे काफी भिन्नता होती है, और अलग अलग लड़कों में लिंग के साइज़ में बढ़ोत्तरी अलग अलग उम्र तक होती है। ऐसा भी संभव है, कि कुछ लड़कों में साइज़ 22 साल की ऐज के बाद तक भी बढ़ता रहे, लेकिन ऐसा काफी कम होता है।