अगर बात वाजीकरण की की जाए, तो अकरकरा उन दुर्लभ जड़ी बूटियों में से एक है, जो पुरुषों में शारीरिक दुर्बलता, पौरुष दुर्बलता और मानसिक रोगों के इलाज के लिए प्राचीन काल से ही प्रयोग किया जाता रहा है।
न केवल आयुर्वेद, बल्कि सभी प्राचीन चिकित्सा पद्धधतियों में जो जड़ी बूटियों के माध्यम से इलाज करती हैं, उनमे अकर्करा का उपयोग अवश्य किया जाता है।
यूनानी और आयुर्वेदिक औषधियों में अकर्करा का मुख्य उपयोग शीघ्रपतन के उपचार में और वीर्य के जल्दी गिर जाने को दूर करने में किया जाता है।

क्या है अकर्करा

अकरकरा हिमालया के गर्म भागों में उगने वाला एक बहुवर्षीय पौधा होता है. ये एक झड़ी नुमा पौधा होता है, जो गुलबहार के पौधे से मिलता जुलता होता है, और इसका फूल भी डेज़ी जैसा ही होता है। देखा जाए तो ये एक रेगीस्तानी पौधा होता है और गर्म इलाकों में उगता है।
अकर्करा का कौन सा भाग दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है
अकर्करा की जड़ को आयुर्वेदिक और यूनानी औषधियों में इस्तेमाल किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी, कि अकर्करा की जड़ महंगी बिकती है, और इसकी ईरानी verity दूसरी varieties की तुलना में अधिक कीमती होती है।
अकरकरा के फ़ायदों पर एक नज़र
पाचन तंत्र को शक्ति देता है
अकर्करा में पाए जाने वाले रसायन लार या saliva का स्रावण बढ़ाते हैं, साथ ही साथ ये पाचन तंत्र से संबंधित दूसरे enzymes का स्रावण को भी उत्तेजित करते हैं। और पाचन क्रिया की गति को बढ़ाते हैं। जिन लोगों का पाचन कमज़ोर होता है, आमाशय में भोजन पड़ा रहने के वजह से गैस, अम्ल और अपच से परेशान रहते हैं, उनके लिए अकर्करा फायदे मंद साबित हो सकता है।
शीघ्रपतन में प्रयोग होने वाली सबसे अधिक प्रचलित जड़ी बूटी
अकर्करा का प्रयोग यूनानी, आयुर्वेदिक और विभिन्न चिकित्सा विज्ञानों में अकर्करा का प्रयोग शीघ्रपतन के उपचार में किया जाता है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार भी अकरकरा
के बारे में ये साबित हो चुका है, कि ये पुरुष हॉर्मोन का स्रावण बढ़ाता है। और संभोग शक्ति बढ़ाता है।
पुरुष हॉर्मोन का स्रावण बढ़ाने की वजह से न केवल लिंग में बेहतर तनाव आता है, बल्कि संभोग का अधिक मन भी करता है।
अकरकरा में पाए जाने वाले कुछ खास रसायन मस्तिष्क से निकलने वाले उन सिग्नलस को लंबित कर देते हैं, जो वीर्य निकलने के लिए लिंग और उसके आसपास के भागों को भेजे जाते हैं।
अकरकरा के अन्य लाभ
बोलने से संबंधित परेशानियों में
अकरकरा वाक विकार को दूर करने में सहायक होता है, और जो लोग बोलने में हकलाते हैं, और बोलते समय शब्दों का ठीक से चयन नहीं कर पाते हैं, अकरकरा उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
मांसपेशियों और हड्डियों के विकास मे
अकर्करा चूंकि टेस्टोस्टेरॉन का स्रावण बढ़ाता है, इसलिए अकर्करा के इस्तेमाल से जो लोग व्यायाम करते हैं, और वज़न उठाकर बॉडी बिल्डिंग का शौक रखते हैं, उनके लिए अकर्करा लाभकारी है। टेस्टोस्टेरॉन ही वो हॉर्मोन है, जो पुरुषों में मांस वृद्धि को उत्प्रेरित करता है। अकर्करा उपापचय को बढ़ाता है, और शरीर के विकास की गति उत्प्रेरित करता है।
अकर्करा शरीर के detoxification में मदद करता है
अकर्करा मूत्र की मात्रा को बढ़ाता है, और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालने में मदद करता है।
अकर्करा की मात्रा और खाने का तरीका
अकर्करा की जड़ का पाउडर दवा के तौर पर प्रयोग होता है, इसके जड़ का पाउडर 1 से दो ग्राम प्रतिदिन इस्तेमाल किया जा सकता है। अकर्करा का प्रयोग निरंतर 4 स् 6 महीने तक किया जा सकता है।
शीघ्रपतन के लिए अकर्करा का इस्तेमाल कैसे किया जाना चाहिए
शीघ्रपतन के लिए अकर्करा की जड़ का चूर्ण 1 – 1 ग्राम सुबह शाम दूध या शहद के साथ प्रयोग किया जाना चाहिय। अगर आप इसके साथ साथ गोंद कीकर, गोंद कतीरा, और अश्वगंधा का भी प्रयोग करते हैं, तो आपको अधिक लाभ मिलेगा।
अकरकरा के साइड इफेक्ट या संभव नुकसान
अकर्करा का इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं किया जाना चाहिए। आपको अधिकतम 6 महीने ही लगातार अकर्करा का सेवन करना चाहिए। इससे अधिक समय तक लगातार अकरकरा का सेवन करने से ये शरीर में विषाक्त प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, जैसे लिवर टाक्सिसिटी आदि। बताई गई मात्रा से अधिक मात्रा में लेने पर भी अकरकरा नुकसानदेह हो सकता है।

