Saturday, October 18, 2025

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पराए मर्दों से संभोग का मन करता है। पति को धोखा भी नहीं देना चाहती – सेक्स सलाह

सेक्स परमात्मा ने एक ऐसी क्रिया बनाई है, जिसका मकसद था तो जीवन को आगे बढ़ाने का। जब लड़का और लड़की बड़े हो जाते हैं, और उनके परजन अंग विकसित पूरी तरह विकसित हो जाते हैं, तो उनका मन संभोग का करने लगता है। वो हस्तमैथुन से इसकी पूर्ति करते हैं, लेकिन उनका मन करता है, कि वो इस क्रिया का आनंद पसंद के साथी के साथ लें।

इस ब्लॉग के मुख्य आकर्षण

  • पुराने रिश्ते में सेक्स में रोमांच कैसे बनाए रखें
  • क्या गुप्त अंगों (योनि और लिंग) को होंटों और जीभ से चाटना काम करता है – फायदे और नुकसान
  • क्या गुदा चाटना सेक्स में एक नया रोमांच ला सकता है
  • गुदा प्ले के रिस्क
  • एक दूसरे को हस्तमैथुन देना भी है एक ऑप्शन

pati ko dhokha dene se bachne ke liye kya karen

वो एक दूसरे के जनन अंगों की कल्पना करके उत्तेजित होने लगते हैं। जवान लड़का योनि के बारे में सोचता है, कि काश मैं योनि में अपना लिंग डाल पाऊँ । कितना अच्छा लगता होगा, जब लिंग योनि में जाता होगा। योनि की गहराई कितनी होती होगी, और वो कितनी गरम होती होगी।

ऐसे ही लड़कियां भी लिंग के बारे में सोचती हैं। वो लिंग के आकर और उसकी बनावट को महसूस करना चाहती हैं। और उसके बारे में सोच सोचकर रोमांचित होती हैं।

बात सिर्फ लिंग और योनि की ही नहीं है। एक दूसरे को चूमने चाटने के लिए भी लड़के लड़कियां जवानी में मचल उठते हैं। और जवानी में लगी ये आग तब तक उनमे धधकती रहती है, जब तक वो बूढ़े नहीं हो जाते । कई बार तो बूढ़े होने के बाद संभोग की इच्छा प्रबल रहती है। और कई राजा महराजाओं ने तो उत्तेजना बढ़ाने वाली दवाएं खाने की वजह से अपनी जान गवां दी थी। क्योंकि 70 से ज़्यादा उम्र होने पर कामेच्छा बढ़ाने वाली दवाएं लेने से तुरंत ही दिल का दौरा या दिमाग की न्यास फट जाने का खतरा रहता है।

अगर पति से मन भर जाए तो महिलायें क्या क्या तरीके ट्राइ कर सकती हैं अपनी जिस्मानी ज़रूरत पूरी करने के लिए

हमने हमेशा ये सुना है कि पुरुष अक्सर अपने शादीशुदा जीवन में बोरियत महसूस करने के बाद अपनी इच्छाएं बाहर पूरी करने की कोशिश करते हैं। लेकिन सच्चाई तो ये है कि महिलाएं भी इंसान हैं, उनकी भी इच्छाएं होती हैं। जब शादी में भावनाओं की कद्र नहीं होती, पार्टनर टाइम नहीं देता, या शारीरिक और मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता, तब महिलाओं का भी ध्यान किसी और की तरफ खिंच सकता है।

यही नहीं कभी कभी ऐसा भी होता है, पट्टी पत्नी के बीच सब कुछ परफेक्ट चलते हुए भी, औरत दूसरे मर्द का आनंद लेना चाहती है, और इसमे चौंकने वाली कोई बात नहीं है, क्योंकि ये मनुष्य के स्वभाव में होता है।

अगर पति से सेक्स में मन भर जाए तो उसके साथ ओरल ट्राइ करें

जीभ और होंटों में वो वो जादू होता है, जो न तो किसी सेक्स तोय मे होता है, और न किसी लड़के के पेनिस में। औरतें ओरल सेक्स करवाना काफी पसंद करती हैं। लेकिन वो शरमाती हैं, उनको दर रहता है कि कहीं उनका पार्टनर कुछ बुरा फ़ील न कर ले। लेकिन सही तो ये है कि अगर लड़की को इस बात का यकीन हो जाए कि उसका साथी उसको ओरल देकर खुश है, तो वो उससे रोज अपनी योनि चटवाए।

योनि चाटकर पत्नी को कैसे संतुष्ट किया जा सकता है।

कैसे चाटी जाती है योनि – लड़का कैसे देता है ओरल

yoni chatkar patni ko kaise khush karen sahi tarika

सबसे पहले लड़की बेड पर या किसी भी आरामदायक जगह पर सीधे लेट जाती है और अपनी टाँगें हल्के से फैला लेती है। फिर लड़का उसके पैरों के बीच आ जाता है, यानी पैरों के बीच बैठ जाता है या झुक जाता है। अगर जगह कम लगे तो लड़का प्यार से लड़की की टाँगों को थोड़ा और खोल सकता है, ताकि उसे सब कुछ साफ-साफ दिखे और करने में आसानी हो।

शुरुआत में लड़का बिल्कुल जल्दीबाज़ी नहीं करता, बल्कि लड़की की योनि के ऊपर और आस-पास ड्राई किस करता है। मतलब बिना थूक या जीभ के, सिर्फ होंठों से हल्का सा चूमता है। चारों ओर धीरे-धीरे किस करने से लड़की को अच्छा महसूस होने लगता है।

इसके बाद लड़का धीरे-धीरे जीभ का इस्तेमाल करना शुरू करता है। पहले योनि के ऊपर और आस-पास जीभ गोल-गोल घुमाता है या ऊपर-नीचे फेरता है। जब लड़की पूरी तरह से आरामदायक महसूस करने लगे तब लड़का हल्के से योनि के होठों को साइड करता है और बीच में जो छोटा सा दाना जैसे दिखता है, जिसे क्लिटोरिस कहते हैं, उस पर ध्यान देता है।

अब लड़का अपनी जीभ से क्लिटोरिस के ऊपर गोल-गोल या ऊपर-नीचे धीरे-धीरे चलाता है। अगर लड़की को अच्छा लग रहा है और वो कंफर्टेबल है, तो लड़का अपनी जीभ को नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे पूरे योनि के हिस्से पर धीरे-धीरे चला सकता है।

हर समय लड़की के रिएक्शन पर ध्यान देना जरूरी है। यदि लड़की को अच्छा लगे, तो वैसे ही करते रहें। अगर वह असहज हो जाए तो तुरंत रुक जाएं या धीरे-धीरे करें।

गुदा चाटना या रिमिंग

guda ko muh se pyar karna savdhaniya aur risk

अगर योनि को चटवाने से भी पत्नी का मन भर गया है, तो रिमिंग भी एक ऑप्शन हो सका है। रिमिंग यानी अपने पार्टनर के गुदा के बाहरी हिस्से, जिसे रिम कहते हैं, को जीभ से हल्के-हल्के प्यार देना। जर्नल ऑफ सेक्स रिसर्च के अनुसार, इस हिस्से में लगभग 4000 नर्व्स होती हैं, जो इतनी संवेदनशील हैं कि हल्का सा स्पर्श भी बहोत आनंद और रोमांच का अहसास करा सकता है।

तैयारी के लिए, सबसे पहले अपने पार्टनर के साथ खुलकर बात करें, क्योंकि दोनों की सहमति और उत्साह इस अनुभव को और खास बनाते हैं। —गुदा की साफ-सफाई रिमिनग से पहले बहुत जरूरी है । इसको गर्म पानी और हल्के साबुन से अच्छी तरह धोएँ, और चाहें तो छोटा एनिमा करें, जो आंत को साफ रखता है।डेंटल डेम का इस्तेमाल भी सैफ्टी के लिए कर सकते हैं ।

पार्टनर को पेट के बल लेटने दें, कूल्हों के नीचे तकिया रखकर, या घुटनों पर झुकने की पोजीशन चुनें, ताकि रिम तक आसानी से पहुँचा जा सके। धीरे-धीरे शुरू करें—रिम के आसपास के हिस्से को चूमें, फिर जीभ से हल्के गोलाकार मूवमेंट करें, और पार्टनर की प्रतिक्रिया को ध्यान से समझें।

रिमिंग के बाद मुँह को अच्छे से धोएँ और माउथवॉश का इस्तेमाल करें। अगर किसी भी पल असहजता हो, तुरंत रुक जाएँ। फ्लेवर्ड लुब्रिकेंट या हल्की मसाज से इस अनुभव को और रोमांटिक बनाएँ। प्यार, विश्वास, और सावधानी के साथ रिमिंग आपके रिश्ते में नई चमक और करीबी ला सकता है, जो हर कपल के लिए एक खूबसूरत मौका है!

डेंटल डैम एक पतली, लचीली शीट होती है, जो रिमिंग (गुदा को जीभ से प्यार देना) या कनिलिंगस (योनि को जीभ से उत्तेजित करना) में सुरक्षा देती है। ये लेटेक्स या पॉलीयूरेथेन से बनती है और गुदा या योनि पर रखी जाती है, ताकि जीभ इसके ऊपर से प्यार दे सके। इससे बैक्टीरिया, वायरस या संक्रमण से बचाव होता है, जो मुँह और जननांगों के संपर्क से फैल सकते हैं। अगर डेंटल डैम न हो, तो लेटेक्स कंडोम को काटकर खोलें और शीट की तरह इस्तेमाल करें। फ्लेवर्ड डैम या लुब्रिकेंट से अनुभव और मज़ेदार बनता है।

गुदा प्ले के फायदे

गुदा चाटना एक बहोत कम इस्तेमाल कि जाने वाला सेक्स ऐक्ट है, और जो सफलतापूर्वक अपने पार्टनर को ये क्रिया देता है, तो सेक्स में ऐसे ही हो जाता है, जैसे फिल्म में तों क्रूज है तो मूवी देखनी है वरना नहीं। आप समझ गए न। चूंकि गुदा चाटने का मज़ा सिर्फ आप अपने पार्टनर को दे सकते हैं, और अगर उसको ये भा गया तो वो किसी दूसरे मर्द के पास जाएगा ही नहीं।

संभव नुकसान

दूसरे ओरल क्रियाओं के मुकाबले गुदा के माध्यम से रोग लगने की संभावना अधिक रहती है। सिर्फ यौन रोग ही नहीं बहोत तरह के दूसरे रोग जो जीवाणु फैलातें हैं, वो भी गुदा चाटने के कारण फैल सकते हैं, बशर्ते कि डेंटल डेम इस्तेमाल न किया जाए।

एक दूसरे को हस्तमैथुन करना

जब संभोग किया जाता है, तो एक दूसरे को संतुष्ट करने का दबाव होता है, और कहीं न कहीं साथी को आनंद देने के चक्कर में आप अपना आनंद कम महसूस कर पाते हैं। हाथ का इस्तेमाल आपको ईद परेशानी से बचा लेता है। जब हस्तमैथुन किया जाता है, तो हाथ के ढीले पड़ने का दर नहीं रहता है, और वो बिना रुके आपके पार्टनर को सुख दे सकता है। इस स्थिति में आपको ये टेंशन नहीं रहती कि कहीं आपका साथी अधूरा न रह जाए। अगर लड़के का निकालने वाला हो तो वो अपने साथी को सहलाने से रोक सकता है, और अपने हाथ से उसकी योनि को लगातार उत्तेजित कर सकता है। साथ ही साथ महिला साथी को आप उंगलियों के अलग अलग तरह के मूवमेंट से अलग ही मज़ा दे सकते हैं, जो लिंग से शायद संभव नहीं है। लिंग सिर्फ आगे पीछे होता है, लेकिन उंगलियों तीनों आयामों में काम करती हैं।

हस्तमैथुन के जरिए दोनों एक-दूसरे को खुश कर सकते हैं। ये तरीका न सिर्फ शारीरिक सुख देता है, बल्कि तनाव कम करके मन को शांति भी देता है। कुछ शोध बताते हैं कि ऐसा करने से रिश्ते में नजदीकी बढ़ती है और भावनात्मक जुड़ाव मजबूत होता है।

सबसे पहले, एक शांत और आरामदायक माहौल बनाएं। दोनों एक-दूसरे के सामने बैठें और धीरे-धीरे अंगों को सहलाना शुरू करें। शुरुआत में हाथ, कंधे, या जांघों से करें। अलग-अलग पोजीशन आजमाएं, जैसे एक-दूसरे की टांगों में टांग डालकर बैठना, या एक पार्टनर का दूसरे के पीछे बैठकर कंधों, कमर, और कूल्हों को सहलाना। पलथी मारकर बैठने से नजदीकी और आराम दोनों मिलता है। लुब्रिकेंट का इस्तेमाल जरूर करें, क्योंकि ये स्पर्श को स्मूथ और सुखद बनाता है। शोध के मुताबिक, लुब्रिकेंट से त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे अनुभव और गहरा होता है।

खास ध्यान दें संवेदनशील अंगों पर, जैसे पुरुषों में अंडकोष और लिंग की टोपी, और महिलाओं में योनि के होंठ और क्लिटोरिस। इन जगहों पर हल्की उंगलियों से edging करें, यानी धीरे-धीरे उत्तेजना बढ़ाएं। स्तनों, कूल्हों, और कमर को भी प्यार से सहलाएं। इस दौरान आंखों का संपर्क बनाए रखें, ताकि भावनात्मक जुड़ाव और गहरा हो।

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