यौवनावस्था प्रारंभ होते ही, पुरुष योनि के बारे में काफी जिज्ञासु हो जाता है, और योनि को लेकर उसका रोमांच काफी बढ़ जाता है। योनि का ख्याल आटे ही, उसका लिंग कठोर होने लगता है, और उसकी संभोग की इच्छा बलवती होने लगती है। उसका मन करता है, कि वो योनि में अपने लिंग को डाले और जाने कि योनि का वो छेद कहाँ होता है, जिसमे लिंग डालकर संभोग किया जाता है।
दोस्तों शहद की मीठी गहरी गुफा, कुछ और नहीं बल्कि लड़कियों का एक नाजुक, खूबसूरत मुलायम, और खुशबूदार अंग होती है, जिसको हिंदी में योनि कहा जाता है। इंग्लिश में वजाइना कहा जाता है, और उर्दू में शर्म गाह कहा जाता है। कुदरत ने किस अंग को इतनी बारीकी से रचा है, और इतनी खूबसूरती से बनाया है, कि इसको जब बाहर से देखा जाता है, तो ऐसा लगता है, जैसे कोई कली खिलने वाली हो। कोई भी इसको बाहर से देखकर यह अंदाजा नहीं लगा सकता, कि इसमें कितने छेद होते हैं, कितने सुराख होते हैं, और वह सुराख कहां होता है, जिसमें कोई लड़का अपने पेनिस को धंसा सकता है, और संभोग सुख को महसूस कर सकता है।
योनि की छेद योनि के होंठों से पूरी तरह ढके हुए होते हैं।
जब तक कोई लड़का वजाइना की इंटरनल मोरफ़ोलॉजी से, और एनाटॉमी से वाकिफ नहीं होता है, और उसने वजाइना को सिर्फ बाहर से देखा हो, तो वह उसको ऐसी दिखाई देती है, जैसे पीच फ्रूट होता है। मतलब दो लिप्स हैं , और वह आपस में जुड़े हुए हैं। जैसे की इंसान के बंद होंट।
लेकिन योनि के जो छिद्र होते हैं, वो इन लिप्स के अंदर छुपे हुए होते हैं। दोस्तों योनि के जो बाहरी होंट होते हैं, उनको लेबिया मेजोरा कहा जाता है।
योनि मे कुल कितने छेद होते हैं, और कौन से छेद से सैक्स किया जाता है।
तो यहां पर हम बात करेंगे, की योनि में कितने छेद होते हैं, और कौन से छेद के माध्यम से,
लिंग को स्त्री में प्रविष्ट करा कर प्रजनन क्रिया को, और काम क्रिया को अंजाम दिया जाता है।
योनि में सबसे ऊपर एक दाने के समान रचना होती है, जिसे महिलाओं का लिंग भी कहते हैं और यह संरचना क्लीटोरिस कहलाती है।
इसको स्त्रियों का लिंग इसलिए कहा भी कहा जाता है, क्योंकि जब इसको सहलाया जाता है, तो यह दाना कठोर हो जाता है, और इसको सहलाने से स्त्रियों को काफी आनंद की अनुभूति होती है। guys , इसके नीचे की तरफ हम जब चलते हैं, तो बीच में, अर्थात वजाइना के ठीक बीच में एक छोटा सा छिद्र होता है, और यह छिद्र दरअसल मूत्र मार्ग की ओपनिंग होता है।
अर्थात urethral orifice होता है। यह वही छिद्र होता है, जिसके माध्यम से महिलाएं मूत्र विसर्जन करती हैं।
अब सवाल यह आता है, कि आखिर वह कौन सा छेद होता है, जिसका प्रयोग करके महिलाएं, पुरुषों के साथ संभोग करती हैं। दोस्तों इस शहद गुफा का वास्तविक द्वार, दरअसल योनि के सबसे ठीक नीचे होता है। इस छेद, और महिलाओं की गुदा के बीच, 1 इंच से भी कम की दूरी होती है। मतलब कोई भी लड़का, जब तक उसको ठीक जानकारी ना हो, यह अनुमान लगा ही नहीं सकता, की योनि का संभोग द्वार गुदा के बिलकुल पास होता है।
योनि में लिंग कैसे डालें
अब सवाल यह आता है, कि योनि में लिंग को कैसे डालना चाहिए।
जो योनि का पेशाब वाला छेद है। उसमें लिंग डालने की कोशिश बिल्कुल नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपकी पत्नी, और प्रेमिका को काफी कष्ट हो सकता है, और उसको घाव भी हो सकता है। योनि में लिंग डालने के लिए, आप महिलाओं की योनि के ऊपर से नीचे की तरफ लिंग को सहलाते हुए आयें। और जब लिंग बिल्कुल नीचे की तरफ आ जाए, और ऐसा लगे कि वह एक गड्ढे में धस रहा है, तो आप समझ जाएं, कि आप संभोग सुख के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। बस यहीं पर आप धीरे-धीरे, लिंग को अंदर की तरफ धँसाने की कोशिश करते रहे।
ध्यान रहे, एकदम अंदर पूरा लिंग डालने की कोशिश ना करें, क्योंकि ऐसा करने से आपके साथी को कष्ट हो सकता है। धीरे-धीरे लिंग अंदर जाता रहेगा, आप हल्का सा प्रेशर डालते रहें, और लिंग धीरे-धीरे पूरा अंदर योनि में चला जाएगा। जब लिंग योनि में पूरा अंदर चला जाए, तो आप धीरे-धीरे लिंग को योनि में आगे पीछे करना शुरू करे ।
और जब आपको लगे, कि अब लिंग योनि में ठीक से आगे पीछे हो रहा है, तो आप धक्कों की गति बढ़ा सकते हैं,
तो योनि में वास्तव में दो छेद होते हैं। एक पेशाब करने के लिए होता है, और दूसरा संभोग करने के लिए। हालांकि यूं तो योनि में कुछ छोटे-छोटे ओपनिंग भी होती है, जैसे त्वचा में पसीना निकलने के लिए pores होते हैं, ऐसे ही कुछ योनि में भी छिद्र होते हैं, जो विभिन्न ग्रंथियों के छिद्र होते हैं, और जिनके ज़रिए योनि में उत्तेजना के समय पानी आता है, जो योनि को चिकना करता है। लेकिन वह योनि के छेदों में काउन्ट नहीं किए जा सकते हैं।
असलियत में योनि में दो छेद होते हैं, एक क्लिटोरिस होता है, जो योनि के सबसे ऊपर होता है। और दूसरा संभोग के लिए होता है, जो योनि के सबसे नीचे वाले भाग में होता है।