एक स्वस्थ निरोगी और हष्ट पुष्ट शरीर पाना हर व्यक्ति की इच्छा होती है जिसके लिए हमे अपनी आहार सम्बन्धी आदतों को तो बदलना ही पड़ता है साथ ही कोई हल्का व्यायाम जैसे cardio exercise, running या brisk walk करने की ज़रूरत होती है। लेकिन आजकल हम इतने व्यस्त हो चुके हैं कि अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किसी भी प्रकार का प्रयास करना हमे समय की बर्बादी लगता है और कभी कभी काम का बोझ ज़्यादा होने की वजह से भी हम चाहते हुए भी अपने लिए कुछ नहीं करपाते जिसका नतीजा होता है वज़न में बढ़ोतरी। धीरे धीरे वज़न इतना बढ़ जाता है कि अधिक भारिता (over weight) होते होते हम मोटापे का शिकार हो जाते है, ज़िद्दी वसा हमारे शरीर में जम जाती है और शरीर देखने में तो भद्दा (absurd) लगता है साथ ही हमारी कार्यक्षमता भी घट जाती है मोटापा अपने आप में तो एक गंभीर बीमारी है ही यह अपने साथ भी बहुत सारी बीमारियों को शरीर में आने का रास्ता दिखा देती है जैसे- arthritis, atherosclerosis, Gout (गठिया), hypertension (उच्च रक्तचाप) कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना तथा सांस फूलना इत्यादि। एक बार ये बीमारियां इंसान को घेर लेती हैं तो इनसे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है, इसीलिए बेहतर तो यही होगा कि इनको होने ही न दिया जाए। आज हम आपको एक ऐसी ही जड़ी बूटी के बारे में बताने वाले हैं जो कि मोटापे को दूर करने का एक अच्छा उपाय है जिसके सेवन से बिना दुष्प्रभाव के आसानी से वज़न काम किया जा सकता है उस लाभदायक हर्ब का नाम है वृक्षाम्ला । वृक्षाम्ला को Garcinia Cambogia या gummi gutta, camboge, gamboge, Malabar tamarind, or brindal berry इत्यादि नामों से जाना जाता है।

यह औषधिय गुणों से भरपूर एक फल होता है जिसकी लम्बाई 50-60 फीट होती है तथा यह इंडोनेशिया में मुख्य रूप से पाया जाता है उसके साथ ही यह भारत , अमेरिका , दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में भी बहुतायत से उगाया जाने लगा है। देखने में वृक्षाम्ला कद्दू के समान होता है इसका आकार अंगूर के दाने से लेकर संतरे जितना हो सकता है तथा रंग हल्का हरा, पीला या लाल में से कोई भी हो सकता है । वृक्षाम्ला में Vitamin C, anti oxidant, Anti inflammatory, Gastroprotective, anti angiogenic, anti cancer तथा phytonutrients पाए जाते हैं। वृक्षाम्ला को कई प्रकार के भोज्य पदार्थों जैसे करी, चटनी इत्यादि में मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। आज के समय में इस जड़ी बूटी की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित होने का सबसे बड़ा कारण इसका मोटापा दूर करने का गुण है। इसमें पाए जाने वाले Hydroxycitric acid के कारण इसे वज़न कम करने वाली दवाओं में इसे इस्तेमाल किया जाता है। वृक्षाम्ला में पाया जाने वाला hydroxycitric acid (HCA) ATP-citrate lyase एंजाइम के कार्य को रोकता है तथा हमारे शरीर में वसा के जमाव को रोकता है साथ ही पहले से जमा चर्बी को घोलकर उसे ऊर्जा में बदलने में मदद करता है।
वृक्षाम्ला के लाभ (Benefits of Garcinia Cambogia)
मोटापे को कम करता है (reduces obesity)- जैसा की ऊपर बताया गया है इस हर्ब का मुख्य लाभ यह है की यह शरीर का वज़न कम करने में लाभदायक है जिसके कारण वज़न कम करने वाली कई औषधियों में इसका इस्तेमाल किया जाने लगा है। यह शरीर में जमा एक्स्ट्रा वसा की परत को कम करती है तथा हष्ट पुष्ट काया पाने में मदद करती है। मोटापा कम होने से कई अन्य बीमारियां भी अपने आप ही ठीक होने लगती हैं क्योंकि शरीर में चर्बी बढ़ने से कई जटिलताएं होने लगती हैं। वृक्षाम्ला में Hydroxy citric acid होता है जोकि adipose tissues में वसा को जमा होने से रोकता है तथा एक्स्ट्रा कैलोरीज को शरीर में इकठ्ठा नहीं होने देता है। यह Adenosine triphosphate (ATP) citrate lyase (ACL) enzyme की क्रिया को रोक कर फैटी एसिड के निर्माण को तो रोकता ही है साथ ही पहले से फैट को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करने में मदद करता है। वृक्षाम्ला serotonin हॉर्मोन के लेवल को बढ़ाता है जिससे व्यक्ति को पेट भरे होने का अहसास होता है इसमें appetite suppressing property होती है जिससे व्यक्ति को भूख कम लगती है और व्यक्ति का भोज्य पदार्थों का intake कम होजाता है। यह emotional eating को भी रोकता है तथा motabolism (शरीर में आराम की अवस्था में भोजन का ऊर्जा में बदलना ही मेटाबॉलिज्म या चयापचय कहलाता है) को बढ़ाता है।
रक्त कोलेस्ट्रॉल को कम करता है (reduces blood cholesterol)– वृक्षाम्ला में एक प्रभावी एंटी ऑक्सीडेंट Garcinol पाया जाता है जो शरीर में cholestrol की मात्रा को कम करता है, यह शरीर में व्याप्त bad cholestrol का oxidation करता है total lipid profile को सुधरता है और serum cholestrol को कम करता है। वृक्षाम्ला रक्त धमनियों (arteries) में जमी वसा को कम करता है जिससे धमनियों में रक्त प्रवाह का रास्ता (lumen of blood vessels) खुल जाता है और इस प्रकार रक्त प्रवाह में सुधार आता है जिससे कई प्रकार की हृदय समस्याएं जैसे हृदय आघात (heart attack), atherosclerosis, उच्च रक्तचाप (High blood pressure) इत्यादि की सम्भावना कम हो जाती है।
कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है (prevents cancer cell formation)- वृक्षाम्ला में व्याप्त anti-oxidants, anti-proliferative तथा anti-cancer properties शरीर में कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोकने में मदद करते हैं साथ ही Garcinia Cambogia शरीर में कोशिकीय हानि (cellular damage) को रोकता है और free radicals के प्रभाव को भी कम करता है।
मानसिक चिंता को कम करता है (suppresses stress)– वृक्षाम्ला मानसिक चिंता और अवसाद (anxiety and depression) को कम करने में भी सहायक है इसमें पाया जाने वाला HCA कोर्टिसोल (cortisol) हॉर्मोन का स्तर घटाता है (यह वो हॉर्मोन है जो की depression को बढ़ाता है) और इस प्रकार मानसिक चिंताओं में कमी आती है और व्यक्ति relax महसूस करता है।
हड्डियों व जोड़ों के दर्द को कम करता है (reduces joint pain)– हड्डियों में दर्द और जोड़ों में सूजन (joint pain and inflammation) आना आज के समय की एक गंभीर समस्या है। वृक्षाम्ला का उपयोग करने से काफी हद तक इस समस्या को कम किया जा सकता है क्योंकि इसमें anti-inflammatory properties होती है जोकि जोड़ों के दर्द व सूजन से राहत देकर व्यक्ति को आरामदायक अनुभव प्रदान करती हैं।
रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है (manages diabetes)– मोटापे से ग्रसित व्यक्ति को कई और बीमारियां हो जाने का भी खतरा बना रहता है, जिनमे से एक मुख्य समस्या है Diabetes Mallitus (यह वो समस्या है जिसमे ग्लूकोस की मात्रा रक्त में बढ़ जाती है और उसे glycogen की form में स्टोर करने वाले इन्सुलिन हॉर्मोन की या तो कमी हो जाती है या इन्सुलिन अपना कार्य ठीक से नहीं कर पाता है) वृक्षाम्ला का प्रयोग करने से शरीर में इन्सुलिन का प्रोडक्शन बढ़ता है जिससे वह एक्स्ट्रा ग्लूकोस को ग्लाइकोजन के रूप में (लिवर में) स्टोर कर पाता है जिससे diabetes से बचाव होता है।
ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है (enhance energy level)- वृक्षाम्ला शरीर में energy level को बनाये रखता है तथा शरीर में ताज़गी का अनुभव कराता है इसमें पाए जाने वाले anti-oxidants शरीर में बनने वाले टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालने का काम करते है। साथ ही यह शारीरिक थकान व आलस्य के प्रभाव को भी कम करने में लाभकारी है।
खुराक (Dosage)
सामान्य रूप से इसे 500 mg. दिन में तीन बार (सुबह दोपहर शाम ) लेने की सलाह दी जाती है जिससे वज़न कम किया जा सके इसके सेवन के साथ साथ पौष्टिक और कम कैलोरी वाला खाना (low calory food) तथा व्यायाम (light exercise) भी करना चाहिए जिससे जल्दी ही बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके। वृक्षाम्ला का सेवन हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए खाने के लगभग एक घंटा पहले और यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि किसी भी स्थिति में इसकी मात्रा 3000 mg. प्रतिदिन से अधिक नहीं करनी चाहिए। आजकल market में कई प्रकार के वृक्षाम्ला supplement और medicine मौजूद हैं जैसे कि Garcinia Cambogia tablets, Garcinia capsules, Garcinia powder, liquid इत्यादि ।
दुष्प्रभाव (Side effects of Garcinia Cambogia)
हालाँकि यह हर्ब पूर्ण रूप से प्राकर्तिक है तथा वज़न घटाने में बहुत लाभदायक होती है लेकिन फिर भी इसके सेवन कभी कभी कुछ दुष्ट प्रभाव सामने आ सकते हैं जैसे-
- जी मिचलाना (nausea)
- चक्कर आना (dizziness)
- मुँह सूखना (dry mouth)
- पीलिया हो जाना (jaundice)
- लिवर की गंभीर बीमारियां (severe liver damage)
सबसे बड़ा दुष्प्रभाव वृक्षाम्ला का यह हो सकता है की कुछ cases में यह liver cells को damage कर सकता है जिसके कारण liver failure की condition सामने आ सकती है।
सावधानियाँ (Precautions)
Garcinia Cambogia का प्रयोग करते समय कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए जिससे रोग को जल्दी ठीक किया जा सके तथा किसी गंभीर दुष्प्रभाव का सामना भी न करना पड़े जैसे-
- इसका इस्तेमाल शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए जिससे शारीरिक अवस्था के अनुसार खुराक को निर्धारित किया जा सके।
- इसके सेवन के बाद किसी प्रकार के असामान्य लक्षण दिखने पर इसका प्रयोग देना चाहिए तथा डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- इसका प्रयोग कम समय के लिए वज़न कम करने के उद्देश्य से किया जासकता है किन्तु लम्बे समय तक इसके सेवन का आदी हो जाना सही नहीं होता है।
- गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि pregnant और lactating phase में शरीर की अवस्था बहुत sensitive होती है और किसी भी दवा या जड़ी बूटी का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के करना हानिकारक साबित होसकता है।
- यकृत के रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि उस condition में यह liver failure का कारण भी बन सकता है जिसका एक मात्र इलाज liver transplantation होता है जोकि किसी भी दृष्टि से आसान उपाय नहीं है।

