Sunday, October 19, 2025

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Testosteron kya hota hai – कैसे लिंग मे तनाव बढ़ाता है ये हॉर्मोन

हम सभी जानते हैं की हमारे शरीर की सब क्रियाएं मस्तिष्क (Brain) के द्वारा नियंत्रित होती है लेकिन यह कार्य मस्तिष्क अकेला नहीं करता है बल्कि कुछ हॉर्मोन (Hormones) भी उसके सहयोग (Co-ordination) के लिए हमारे शरीर में विभिन्न Endocrine glands या अन्तः स्त्रावी ग्रंथि द्वारा बनाये जाते हैं। हॉर्मोन एक तरह के रासायनिक पदार्थ या Chemical messenger होते है जोकि अपनी Specialized gland से निर्मित होकर रक्त के माध्यम से प्रवाहित होते हैं और अपने Target organ तक पहुंचकर अपना काम करते हैं।

हमारे शरीर में दो तरह की Glands होती है Endocrine Glans और Exocrine Glands.

Exocrine Glands को नलिकायुक्त ग्रंथियां भी कहा जाता है क्योंकि इनसे बनने वाले Secretion या द्रव्य इनसे जुडी duct के माध्यम से Travel करके अपने Target Organ तक पहुंचकर अपना असर दिखाते है। वहीं दूसरी और जैसे कि ऊपर बताया गया है Endocrine glands से बनने वाले हॉर्मोन रक्त के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह जाकर body की विभिन्न क्रियाओं को Control करते हैं।

Hormones की अगर हम बात करें तो ये कई प्रकार के होते हैं जो अलग अलग Glands से निकलते हैं जैसे गले में स्थित Thyroid Gland से Thyroxin हॉर्मोन produce होता है, Parathyroid gland (थाइरॉइड के ऊपर मटर के आकार की चार ग्रंथियां) से Parathormone hormone निकलता है, Adrenal Gland से Gluco-corticoid और Mineralo-corticoid हॉर्मोन बनते हैं आदि। लेकिन यह बात जान लेनी आवश्यक होगी कि सभी प्रकार की ग्रंथियों और उनसे बनने वाले Hormones को body की “मास्टर ग्लैंड” जिसे पिट्यूटरी ग्लैंड कहते है, रेगुलेट और Stimulate (उत्तेजित) करती है उसके साथ ही brain का अहम हिस्सा hypothalamus भी इस कार्य में मदद करता है। Hormonal regulation का यह कार्य Pituitary Gland विभिन्न Stimulating hormone रिलीज़ करके करती है जैसे उदहारण के लिए हम Thyroxin हॉर्मोन ले लेते है तो हमे पता है कि Thyroxin hormone गले में स्थित थाइरॉइड ग्लैंड से निकलता है लेकिन उससे पहले पिट्यूटरी ग्रंथि Thyroid stimulating hormone को रिलीज़ करती है जो की Thyroid Gland के पास पहुंचकर उसे Thyroxin हॉर्मोन produce करने के लिए उत्तेजित करता है ।

यह तो Endocrine Glands और उनके हॉर्मोन के बारे में कुछ सामान्य जानकारी थी लेकिन इस article में हम पुरुषों के एक महत्वपूर्ण sex hormone “Testosterone: के बारे में मुख्य रूप से जानकारी देने वाले हैं। यह पुरुषों में पाए जाने वाले androgens (group of male sex hormones e.g. androstenedione) में से प्राथमिक सेक्स हॉर्मोन होता है जो कि वृषण या testes में produce होता है, टेस्टोस्टेरोन कुछ मात्रा में adrenal gland से भी बनता है । टेस्टोस्टेरोन बहुत काम मात्रा में महिलाओं के शरीर में भी निर्मित होता है लेकिन बहुत कम amount में होने के कारण यह हॉर्मोन प्रभावी नहीं होता है कभी कभी किसी असामान्य स्थिति में यदि महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है तो उनमे भी पुरुषों के जैसे लक्षण विकसित होने लगते हैं जोकि उनमे चिंता का विषय होता है जिसका चिकित्सीय रूप से उपचार करना आवश्यक होता है। Testosterone हॉर्मोन पुरुषों में विभिन्न यौन लक्षणों को विकसित करता है तथा यौन क्रियाओं को directly प्रभावित करता है। किशोरावस्था (Adolescence) के दौरान male body में द्वितीय यौन लक्षण (secondary sexual characteristics) इसी हॉर्मोन के कारण सामने आती हैं जैसे दाढ़ी मूंछ आना, आवाज़ भारी होना, कंधे चौड़े होना, मांसपेशियों का विकास इत्यादि।

यह हॉर्मोन कामेच्छा व काम प्रदर्शन (Sex desire and performance) उत्तम बनाता है और शुक्राणु निर्माण की प्रकिर्या (spermatogenesis) को तेज़ करके सीमेन (Semen) में स्पर्म काउंट और गुणवत्ता तेज़ करता है। इसके साथ ही यह हॉर्मोन पुरुष यौन अंगों को मज़बूत बनता और उनमे उत्तेजना बढ़ाता है। यौन स्वस्थता को बनाये रखने व बढ़ाने के साथ ही Testosterone कई अन्य महत्वपूर्ण क्रियाओं को भी प्रभावित करता है जैसे यह रक्त का संचार (Blood circulation) बढ़ाता है mood को relax करता है तथा व्यावहारिक गुस्सा और चिड़चिड़ापन कम करता है। इतना ही नहीं, यह हॉर्मोन शरीर में ऊर्जा का स्तर maintain करने में मदद करता है हड्डियों व जोड़ों (bones and joints) के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है साथ ही मस्तिष्क की memory power और concentration को भी बढ़ाता है। यह Pancreas की बीटा सेल्स को इन्सुलिन (Insulin hormone) निर्माण के लिए उत्तेजित करता है जिससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है, नींद न आने की समस्या दूर होती है, साथ ही लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण तेज़ करके Anemia (खून की कमी) को होने से रोकता है।

यौन स्वास्थ्य, यौन इच्छा व यौन प्रदर्शन को बेहतर बनाये रखने के लिए टेस्टोस्टेरोन का सही मात्रा में बॉडी में secrete होते रहना बहुत ज़रूरी होता है, लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जीवन शैली में कई ऐसे कारण होते हैं जिनके कारण टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है जैसे अत्यधिक तनाव लम्बे समय से चली आर ही कोई बीमारी जैसे लिवर व किडनी की बीमारियां, डायबिटीज या कोई वंशानुकृत रोग (hereditary disorders) इत्यादि । इसके अलावा पिट्यूटरी ग्लैंड में कोई चोट (injury),संक्रमण (infection) या सूजन (swelling) होने के कारण भी टेस्टोस्टेरोन का निर्माण कम हो सकता है जैसे कि बताया गया है कि पिट्यूटरी ही इसके निर्माण को उत्तेजित करती है। कई researches में यह पाया गया है की सामान्यतः 40 वर्ष के इस हॉर्मोन का स्तर प्राकर्तिक रूप से घटने लगता है जिससे पुरुषों की यौन क्षमता कम होने लगती है, उनकी यौन इच्छा घटने लगती है, जनन अंगों में कमज़ोरी आने लगती है जिसकी वजह से शीघ्र पतन (premature ejaculation) और स्तम्भन दोष (erectile dysfunction) जैसे रोग हो जाते है इसके साथ ही इस हॉर्मोन की कमी हो जाने से शरीर में वसा (fat) का जमाव होने लगता है और मोटापा बढ़ जाता है इसी हार्मोनल गड़बड़ी (hormonal disturbance) के चलते बढ़ती उम्र के साथ टेस्टोस्टेरोन estrogen में परिवर्तित होने लगता है जिसके कई दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं। इसकी कमी से थोड़ा सा कार्य करने पर ही थकान महसूस होने लगती है depression व frustration बढ़ जाती है, दाढ़ी व मूंछ के बालों में कमी आने लगती है और भूलने (forgetfulness) की बीमारी लग जाती है। इस प्रकार स्पष्ट है की टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक तत्व है जिसकी कमी या असंतुलन कई हानिकारक रोगों व अयोग्यताओं (disabilities) को जन्म दे सकती है इसीलिए इसके निर्माण को बढ़ाने के लिए हर संभव उपाय करना चाहिए जैसे-

नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए- रोज़ाना व्यायाम करने से टेस्टोस्टेरोन का लेवल प्राकर्तिक रूप से बढ़ता है जिससे जनन संस्थान के अंगों के मज़बूत होने के साथ की मोटापा भी दूर होता है क्योंकि इस हॉर्मोन से वसा की मात्रा कम होती है और मांसपेशियों का विकास होता है, इसके निर्माण को बढ़ाने के लिए मानसिक व्यायाम जैसे maditation करना भी अच्छा होता है।

पर्याप्त नींद लेनी चाहिए- जैसा की हम जानते हैं कि मानसिक तनाव या सही प्रकार से आराम न करने के कारण इस हॉर्मोन के निर्माण पर नकारात्मक असर पड़ता है जिसे दूर करने का सबसे अच्छा तरीका भरभूर नींद लेना है जिससे मस्तिष्क को भी आराम मिल सके और वह टेस्टोस्टेरोन के निर्माण को बढ़ा सके।

पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए- इस हॉर्मोन के निर्माण को संतुलित रखने के लिए पर्याप्त विटामिन्स और मिनरल्स वाले food stuffs का सेवन करना चाहिए जैसे ताज़े फल (fruits), दालें (pulses), हरी सब्ज़ियां (Green leafy vegetables), फलियां (beans) lean meat जैसे chicken आदि, साथ ही saturated fat के स्थान पर unsaturated fat जैसे Omega 3 fat का इस्तेमाल करना चाहिए जैसे अखरोट, पनीर अंडा, पालक, गोभी (cauliflower), अलसी के बीज (flex seeds), canola oil सोयाबीन ऑयल तथा विभिन्न तरह की मछलियॉँ जैसे salmon और sardines इत्यादि साथ ही विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों जैसे दूध और दूध से बने पदार्थों जैसे दही का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह विटामिन टेस्टोस्टेरोन के बनने को positively प्रभावित करते हैं । इसके अलावा ज़्यादा मिर्च मसाले भरे भोजन का सेवन बंद कर देना चाहिए तथा शराब, डिब्बा बंद भोज्य पदार्थ (canned products) मिठाइयां आदि को ज़्यादा नहीं खाना चाहिए।

नेचुरल हर्ब्स का प्रयोग- टेस्टोस्टेरोन के निर्माण को boost करने के लिए हम कुछ लाभकारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का भी इस्तेमाल कर सकते है जोकि प्राकर्तिक भी होगा और इन हर्ब्स का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होगा। टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने वाली इन हर्ब्स में अश्वगंधा (Ashwagandha), शिलाजीत (Shilajit), सफ़ेद मुश्ली (Safed Musli), शतावरी (Shatavri), गोक्षुरा (Gokshura), गिलोय (Giloy) प्रमुख हैं जिनके इस्तेमाल से जल्द ही अच्छा असर दिखने लगता है।

अन्य उपाय-

  • Mental stress से जितना हो सके दूर रहने की कोशिश करें ।
  • वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज, squat, कार्डिओ, डांस वर्क आउट आदि को practice में लाएं जिससे मूड अच्छा हो जाये और चिंता कम हो सके ।
  • अत्यधिक मोबाइल का प्रयोग न करें तथा बीच बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए तथा रात को समय पर सोना चाहिए व 6-7 घंटे नींद लेनी चाहिए।

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