यूं तो शरीर स्वस्थ है, और लिंग में भरपूर तनाव भी आ सकता है। लेकिन सही समय पर लिंग ढीला ही रह जाता है।
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कुछ पुरुषों के साथ समस्या होती है कि वैसे तो उनके लिंग में भरपूर तनाव रहता है, और उनका लिंग पूरी तरह से कठोर रहता है, और उनमें कामोत्तेजना भी पूरी रहती है। लेकिन जैसे ही वह अपने साथी के पास संबंध बनाने के लिए जाते हैं, तो उनके लिंग में पूरी तरह से कठोरता नहीं आ पाती है। अर्थात उनके लिंग में ढीलापन रह जाता है, जबकि कुछ पुरुष योनि में लिंग डालने में तो सफल हो जाते हैं, और उस समय उनके लिंग में पर्याप्त सख्ती भी रहती है। लेकिन संभोग के बीच में ही उनके लिंग में ढीलापन आ जाता है। या फिर तनाव पूरी तरह चला जाता है।
तो आज हम इसी समस्या के बारे में बात करेंगे, कि ऐसा क्यों होता है, और जबकि एक पुरुष स्वस्थ है, और अगर वह किसी कामोत्तेजक दृश्य के बारे में सोचता है, या कोई कामोत्तेजक दृश्य देखता है, तो उसके लिंग में तुरंत ही तनाव आ जाता है, और संभोग की इच्छा भी होती है। लेकिन जब वह सेक्स संबंध बनाने के लिए वास्तव में किसी महिला के पास जाता है, तो उस समय आखिर क्यों वह संभोग क्रिया में विफल हो जाता है। आखिर क्यों वह ठीक से प्रदर्शन नहीं कर पाता है, और उसकी परफॉर्मेंस खराब हो जाती है।
इस बीमारी को परफॉर्मेंस एंजाइटी या सैक्स से घबराहट बोला जाता है
यह एक तरह की अस्थाई, या टेंपरेरी मेडिकल कंडीशन होती है, जिसको परफॉर्मेंस एंजाइटी बोला जाता है। परफॉर्मेंस एंजाइटी वह घबराहट होती है, जो तब पैदा होती है जब किसी पुरुष के मस्तिष्क में यह डर रहता है, कि कहीं मैं अपने साथी को संतुष्ट करने में विफल ना हो जाऊं, या फिर उसके मन में रहता है, कि कहीं खराब प्रदर्शन करने की वजह से वह अपने सेक्स पार्टनर के सामने शर्मिंदा ना हो जाए, और उसको अपमानित ना होना पड़े। बस यही डर होता है, जो उसकी सेक्सुअल परफॉर्मेंस को खराब कर देता है।
दरअसल सेक्स का मनोवैज्ञानिकता से बहुत गहरा संबंध होता है।
अगर आप डरे हुए हैं, तनावग्रस्त हैं या अवसाद में है, तो आप कभी भी बेहतर सेक्सुअल परफॉर्मेंस नहीं दे सकते हैं, उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति को सार्वजनिक तौर पर नग्न होने के लिए कहा जाए, और उसको कहा जाए कि वह अपनी लिंग में तनाव लाए, तो वह ऐसा मुश्किल ही कर पाएगा। यहां पर मैं आम लोगों की बात कर रहा हूं, ना कि टीवी पर दिखाए जाने वाले पॉर्न actors की। क्योंकि वह एक भिन्न परिदृश्य होता है। और उसमें वह लोग ऐसा करने के लिए तैयार होते हैं, और वह उनका व्यवसाय होता है।
कैसे डर और घबराहट सैक्स पावर को प्रभावित करता है
सेक्स में बेहतर प्रदर्शन के लिए, किसी भी पुरुष या स्त्री का पूरी तरह से मन शांत होना जरूरी है। वो पूरी तरह अंदरूनी रूप से खुश होना चाहिए, और उसे किसी भी तरह का डर नहीं होना चाहिए।
क्योंकि इन्हीं अनुकूल परिस्थितियों में, पुरुष हार्मोन अर्थात टेस्टोस्टेरोन ठीक से कार्य करता है, और संभोग क्रिया के लिए लिंग को तैयार करता है, अर्थात लिंग में कड़ापन लाता है। डर, घबराहट अवसाद और निराशा जैसी परिस्थितियों में पुरुष हार्मोन का श्रावण प्रभावित होता है, और जो रासायनिक क्रिया लिंग में तनाव लाने के लिए जरूरी होती है, वह ठीक से नहीं हो पाती हैं। नतीजा यह होता है, कि या तो लिंग में बिल्कुल भी तनाव नहीं आता है, या इतना कम तनाव आता है कि लिंग ढीला ही रह जाता है, और काम क्रिया पर्फेक्ट तरीके से नहीं हो पाती है। तो प्यारे मित्रों यही वजह है कि कुछ पुरुषों के साथ यह समस्या होती है, कि वह संपूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बावजूद भी अपने साथी के साथ उत्तम काम प्रदर्शन नहीं कर पाते।
सैक्स से घबराहट को कैसे ठीक किया जा सकता है।
अपना मनोबल खुद बढ़ाएं
आपको साइकोलॉजिकली को स्ट्रांग होना होगा, और अपने मस्तिष्क को यह अच्छी तरह समझाना होगा कि वह पूरी तरह से संभोग करने में सक्षम हैं। संभोग के समय अपने मस्तिष्क को शांत रखें, और बिल्कुल तनवमुक्त रहें।
घबराहट दूर करने वाली जड़ी बूटियों का सेवन
परफॉर्मेंस एंजाइटी को ओवर कम करने का दूसरा तरीका है। आयुर्वेदिक दवाइयां या जड़ी बूटियां।
कई सारी जड़ी बूटियां ऐसी होती हैं जो इस तरह की होने वाली घबराहट को दूर करती हैं, और प्राकृतिक रूप से पुरुष का आत्मविश्वास बढ़ाती है। फलस्वरूप संभोग के समय वह अच्छा प्रदर्शन कर पाता है।
पेनिस रिंग
पेनिस रिंग एक सिलिकॉन का बना हुआ छल्ला होती है, जिसको पुरुष, जब उसके लिंग में तनाव आ जाए तो लिंग पर चढ़ाकर, और पीछे की तरफ, टेस्टिकल और लिंग के चारों तरफ पहन लेता है। यह पेनिस रिंग, लिंग में आए हुए ब्लड को रोक कर रखती है, और जब लिंग में तनाव आ जाता है, तो उसको आसानी से जाने नहीं देती है। अगर किसी को परफॉर्मेंस एंजाइटी हो रही है, तो पेनिस रिंग लिंग में ढीलापन आने की स्थिति को कम करती है।
सिलिकॉन कंडोम
अब बात करते हैं, कि सिलिकॉन कंडोम यहां पर कैसे मदद कर सकता है। सिलिकॉन कंडोम में दो होल होते हैं। दोस्तों सिलिकॉन कंडोम कोई आम कंडोम नहीं होता है, बल्कि एक ऐसा कंडोम होता है, जिसकी दीवारें मोटी होती हैं, और जिसमें दो होल होते हैं। एक होल की मदद से उस को लिंग पर पहना जाता है, और दूसरे होल से टेस्टीकल को सपोर्ट दी जाती है। मतलब दूसरा होल एक पेनिस रिंग की तरह काम करता है, जो लिंग में आए हुए ब्लड को रोक कर रखता है। अब सिलिकॉन कंडोम दो तरह से सेक्सुअल परफारमेंस को बेहतर करने में मदद करता है।
सिलिकॉन कंडोम ढीले लिंग को दृढ़ता प्रदान करता है।
अगर संभोग के दौरान लिंग में ढीलापन आ जाता है तो चूंकि सिलिकॉन कंडोम अपने आप में हार्ड होता है तो?संभोग के दौरान यह लिंग को कठोर ही बनाए रखता है, और महिला के आनंद को प्रभावित नहीं होने देता है।
सिलिकॉन कंडोम में जो दूसरा सुराख होता है, एक तरह से पेनिस रिंग का कार्य करता है, और वो अंडकोशों को जकड़ कर रखती है। इस तरह लिंग में भरा हुआ रक्त वापस आसानी से नहीं जा पाता है , और लिंग में तनाव कम नहीं हो पाता है।