Sunday, October 19, 2025

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मैं अपने स्टूडेंट के साथ संबंध बना बैठी। मैं क्या करूँ। क्या मैं पति को बता दूँ। मनोवैज्ञानिक की सलाह

एक शादीशुदा महिला की समस्या

मैं एक शिक्षक हूँ, और इन्टर कॉलेज में पढ़ाती हूँ। मैं एक शादी शुदा 40 साल की महिला हूँ, और मेरे दो बेटे भी हैं। मेरे पति बैंक में जॉब करते हैं, और उनकी आयु 50 के आस पास है।

हमारा जीवन बहुत शांति और सुख से गुज़र रहा था। और मैं अपने परिवार में काफी खुश थी।

समस्या तब शुरू हुई , जब मैंने अपने घर पर होम ट्यूशन देना शूर किया। मैं क्लास 9 से क्लास 12 तक के स्टूडेंट्स को इंग्लिश पढ़ाती हूँ।

एक विद्यार्थी जो 12 वी कक्षा में पढ़ता है, अजीब सा बर्ताव करने लगा, और मुझे लगातार देखता रहता। ये सच है, कि मैं एक गोरे रंग की आकर्षक महिला हूँ, तो मैंने सोचा कि स्वभाविक है, कि कि किशोर मेरी तरफ आकर्षित हो सकता है। लेकिन मुझे खुद पर विश्वास था, कि मैं कभी अपनी सीमाएं नहीं लांघ सकती हूँ, और कभी अपने पति को धोखा नहीं दे सकती।

लेकिन शायद मैं गलत थी। वो स्टूडेंट मुझे लगातार रिझाता रहा, और एक दिन मैंने उसके सामने आत्म संपर्पण कर दिया।

वो उस दिन अकेला आया था, और मैं भी घर पर अकेली थी। उसने मुझे गले लगा लिया। और उसके ऐसा करने से मुझे नशा सा होने लगा। उसने मुझे ताबड़तोड़ चुंबन जड़ने शुरू कर दिए। और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मैं उसके साथ शारीरिक संबंध बना बैठी।

हालांकि वो अनुभव मेरे लिए काफी रोमांचक था। लेकिन ये सब होने के बाद मैं ग्लानि की आग में जलने लगी। उस दिन मैं काफी रोई। जब मेरे पति घर आए, तो मैं उनके गले लगकर रोने लगी।

मैंने दृढ़ संकल्प लिया कि मैं दोबारा ऐसा नहीं करूंगी।

अगले दिन मैंने उस स्टूडेंट को ट्यूशन से निकाल दिया। और कहा कि आब मैं तुम्हें नहीं पढ़ाऊँगी ।

लेकिन में इस सबसे बाहर नहीं आ पाई। मैंने खुद ही कुछ दिन बाद उसको कॉल करके वापस बुला लिया। और तब से बस यही सिलसिला जारी है। मैं पहले उसके साथ शारीरिक संबंध बनाती हूँ, उसके बाद कुछ दिन पश्चात्ताप करती हूँ। लेकिन मेरे अंदर की वासना मुझे वापस उसी दलडल में धकेल देती है।

क्या इसका कोई उपाय संभव है?

डॉक्टर श्रेया का जवाब

मनुष्य एक तरह का प्राणी है, जिसको सामाजिकता ने बांध कर कर नैतिक बनाया है, और समाज के कारण ही वो अपने वैवाहिक संबंधों के प्रति ईमानदार रह पाता है। अन्यथा वो भी दूसरे प्राणियों की तरह कई कई साथी बनाकर उनके साथ सैक्स कर सकता है। जो कि समाज के अनुकूल नहीं है।

लेकिन कभी कभी काम वासना मनुष्य पर इतनी हावी हो जाती है, कि वो चाहकर भी इससे पार नहीं पाता है। और कई कई साथियों के साथ संभोग करने लगता है। धीरे धीरे उसकी ये गलती उसकी आदत बनती चली जाती है, और वो पूरी तरह व्यभिचार करने लगता है।

इस समस्या से पार पाने का एक ही हल है। और वो है, अपने अंदर इच्छा शक्ति का विकास करना।

अपनी इच्छाओं को आपको चुनौती देनी होगी। चाहे वो खाने की हो, सोने की हो या सैक्स की। आपको इन तीनों इच्छाओं को ही ललकारना होगा।

इच्छा शक्ति कैसे बढ़ाएं इस पर कई प्रसिद्ध किताबे उपलब्ध हैं। आप उनमे से कोई एक अच्छी किताब पढ़ें। जितना हो सके, भावनात्मक फिल्में देखें। क्योंकि भावना ही वासना का काल होती हैं। जब हम एक भावनात्मक फिल्म देखते हैं, तो उसमे शारीरिक सौन्दर्य को नहीं बल्कि दिल की सुंदरता को दिखाया जाता है। और ऐसी फिल्में हमे काम वासना को दबाने में मदद करती हैं।

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