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आपको क्या लगता है, कि केवल लड़के ही हस्तमैथुन करते हैं, क्योंकि उनके पास ऐसा अंग होता है, जो आकार में बड़ा हो सकता है, और उसको हिलाकर लड़के अपने हाथ का इस्तेमाल करके स्वयं संभोग या आत्म मैथुन या हस्तमैथुन करते हैं।
लड़के सोचते होंगे कि लड़कियों के पास तो ऐसा कोई अंग होता ही नहीं है, जिसको हिलाकर अर्थात आगे पीछे करके वो आत्मरति को प्राप्त कर सकें। चरम सुख हासिल कर सकें।

जिन लड़कियों की सील टूटी नहीं होती वो कैसे हस्तमैथुन करती हैं।

स्वभाविक सा सवाल है, जो लड़कों के मन में आता होगा। जिन लड़कियों ने कभी संभोग न किया हो, अर्थात योनि में लिंग न लिया हो, और जिनकी योनि में सील हो वो योनि में कुछ दाल तो नहीं सकती हैं। क्योंकि अगर वो ऐसा करेंगी तो सील टूट जाएगी। और कोई भी लड़की अपनी सील बिना लिंग के नहीं तोड़ना चाहेगी। तो कैसे लड़कियां हस्तमैथुन करती हैं आखिर फिर।
लेकिन मैं आपको बता देना चाहती हूँ, कि लड़कियों के पास भी एक लिंग जैसा ही अंग होता है, जिसको हिलाकर वो पुरुषों कि तरह ही हस्तमैथुन कर सकती हैं।
लड़कियों के पास लिंग जैसा ही उतएजित होने वाला अंग होता है। चौंकिए मत

जी हाँ। ये बिल्कुल सच है। और ये विडिओ उन पुरुषों के लिए है जो ये सोचते हैं, कि हस्तमैथुन केवल लड़के ही कर सकते हैं। या फिर वो जानना चाहते हैं, कि अगर लड़कियां हस्तमैथुन करना चाहें (मुठ मारना) चाहें, तो इस स्थति में वो क्या करेंगी। कैसे अकेले में, संभोग की इच्छा होने पर वो मन को शांत कर पायेंगी।
क्या कामेच्छा होने पर और पुरुष साथी के अभाव में लड़कियां ऐसे ही छटपटाती रह जाती हैं?
नहीं दोस्तों। ऐसा बिल्कुल नहीं है। बल्कि सच तो ये है, कि लड़कियां अकेले में लड़कों से कहीं अधिक इन्जॉय कर सकती हैं, अपनी एक ऐसी खास चीज़ को हिलाकर जिसको वो मुठ्ठी में तो नहीं भर सकती हैं, लेकिन उसको मसल कर आसानी से हस्तमैथुन कर सकती हैं।
क्लिटोरिस का दाना मसल कर लड़कियां हस्तमैथुन करती हैं

क्लिटोरिस एक ऐसी रचना होती है, जो एक छोटे लिंग की तरह होती है, और ये योनि (चुत) के थी ऊपरी भाग पर स्थित होती है। ये रचना उत्तेजना के समय लिंग की तरह ही आकार में भी थोड़ी बढ़ जाती है, और लिंग की तरह ही कठोर भी हो जाति है।
क्लिटोरिस को सहलाने से लिंग को हिलाने जैसा ही आनंद आता है
जब स्त्री उत्तेजित होती है, तो क्लिटोरिस लिंग की तरह खड़ा हो जाता है, और सख्त हो जाता है। और जब इसको हाथ से रगड़ा जाता है, तो महिला को परम आनंद की अनुभूति होती है। और क्लिटोरिस को हाथ से सहलाकर लड़कियां आसानी से हस्तमैथुन कर सकती हैं।
कैसे मिलता है, क्लिटोरिस को मसल कर चरमसुख
जब क्लिटोरिस को हाथ से सहलाया जाता है, तो क्लिटोरिस से जुड़ी करोड़ों तंत्रिकाएं संवेदनाओं को मस्तिष्क तक लेकर जाती हैं। क्लिटोरिस कि अत्यधिक सवेंदन शीलता के कारण क्लिटोरिस को मसलने पर लड़कियां योनि संभोग की तुलना में जल्दी स्खलित हो जाती है। और उनको योनि संभोग की तुलना में ज़्यादा आनंद कि अनुभूति होती है।
लड़कियां वाइब्रैटर से क्लिटोरिस को सहलाकर कई गुना अधिक आनंद प्राप्त कर सकती हैं,
वाइब्रैटर को अगर क्लिटोरिस पर रख दिया जाए, तो इससे सामान्य संभोग से 10 गुना ज़्यादा संवेदनाएं पैदा होती हैं, और लड़की को इतना आनंद आता है, कि वो कुछ मिनटों में ही झड़ जाती है।

