Sunday, December 10, 2023

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Zandu Vigorex or Dabur Shilajit Gold – Which one is better in Hindi

डाबर शिलाजीत गोल्ड और झंडू विगोरेक्स गोल्ड दोनों ही दवाएं कैप्सूल के फॉर्म में उपलब्ध हैं, और इनकी पॅकिंग भी काफी मिलती जुलती है। यही नही इन दोनों दवाओं में इस्तेमाल किये गए ingredients भी काफी मिलते जुलते हैं।

और दोनों ही दवाएं,स्त्री पुरुषों में थकान दूर करने, stamina और स्फूर्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती हैं। दोनों ही दवाओं का मुख्य उद्देश्य न केवल स्त्री और पुरुषों में थकान दूर करना, तनाव और अवसाद दूर करना है, बल्कि खासतौर से पुरुषों में आई सेक्शुअल weakness दूर करना है, और कामोत्तेजना को बढ़ाना है।

वैसे ये दवाएं, एक जनरल हेल्थ टॉनिक के तौर पर भी इस्तेमाल की जा सकती हैं। झंडू और डाबर दोनों ही कंपनियों का कहना है, कि आप रोजाना इन दवाओं का सेवन करें तो ये आपके अंदर ऊर्जा का संचार बनाए रखता है, और आप अपने ऑफिस का काम करके भी थकान महसूस नहीं करते। इसके अलावा इन दवाओं के सेवन से आपके शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स शरीर को नुकसान नहीं देते हैं। और आप जवान बने रहते हैं।

तो चलिए दोनों दवाओं पर डालते हैं एक पैनी नज़र और इनका एक तुलनात्मक रिव्यू भी करते हैं।

घटक द्रव्य Ingredients

1 capsuleZandu Vigorex GoldDabur Shilajit Gold
Gold Ash 1mcg (0.1mg)1mg
Yashad Bhasma8mg15mg
Silver Ash /Rajat Bhasmanil5mg
Shilajit Shudh50mg50mg
Ashwagandha100mg75mg
Safed Muslinil50mg
Asparagus racemosus50mgnil
Asparagus adscendens50mgnil
Akarkara20mg10mg
Konch beej50mg90mg
Lavanga (Syzygium aromaticum)10mg10mg
Jaiphal25mg3mg
Gokhru50mg90mg
Kesarnil10mg
Varahinil45mg
Vidarinil45mg
Kapur9mg
Dalchini10mg

जैसा कि आप ऊपर टेबल में देख सकते हैं। कि इन दोनों दवाओं के घटक द्रव्य काफी मिलते हैं। दोनों में स्वर्ण भस्म का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन यहाँ एक बड़ा फर्क ये है, कि झंडू ने स्वर्ण भस्म के इस्तेमाल में काफी कंजूसी की है, जबकि डाबर ने झंडू कि तुलना में 10 गुना ज़्यादा स्वर्ण भस्म का इस्तेमाल किया है।

लेकिन मात्रा के कम ज़्यादा होने से दवा के प्रभावी होने का अंदाज़ा हमेशा ही नहीं लगाया जा सकता है। हो सकता है, कि झंडू ने प्रयोगों के बाद ये पाया हो कि अलग अलग द्रव्यों की जो जो मात्रा उन्होंने प्रयोग करके ये फार्मूला बनाया है, वो मानव शरीर के लिए अधिक लाभप्रद हो, और ठीक ऐसा ही डाबर ने भी किया होगा।

कुछ दवाएं झंडू विगोरेक्स में अलग हैं, तो कुछ दवाएं डाबर शिलाजीत गोल्ड में अलग हैं। लेकिन डाबर ने ज़्यादा वराइइटी में ingredients डाले हैं, ये साफ दिख रहा है।

तो अगर दोनों दवाओं में डाले गए तत्वों की बात करें, तो शिलाजीत गोल्ड विगोरेक्स गोल्ड से ऊपर नज़र आता है।

खाने का तरीका (Dosage and How to use)

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झंडू विगोरेक्स गोल्ड खाने का तरीका ( How to use Zandu Vigorex Gold)

Zandu Vigorex Gold का एक कैपसूल आप सुबह शाम दूध के साथ ले सकते हैं।

डाबर शिलाजीत गोल्ड के खाने का तरीका (how to use Dabur Shilajit Gold)

Dabur Shilajit Gold का एक कैपसूल आप सुबह शाम दूध के साथ ले सकते हैं।

Dabur Shilajit Gold and Zandu Vigorex Gold Health Benefits

डाबर शिलाजीत गोल्ड और झंडू विगोरेक्स गोल्ड दोनों का कार्य एक ही है, और इनमे डाले गए द्रव्य न केवल शरीर के सामान्य स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हैं, बल्कि ये स्त्री और पुरुषों दोनों में थकान, तनाव और अवसाद को दूर रखने में मददगार हैं। ये दोनों ही कैप्सूल स्त्री और पुरुष दोनों में यौवन बनाए रखने में भी सहायक हैं। capsule के कुछ मुख्य फ़ायदों पर हम नज़र डाल लेते हैं।

  • शारीरिक ऊर्जा बढ़ाता है
  • शारीरिक श्रम से होने वाली थकान को दूर करता है
  • जीने की इच्छा को बलिष्ठ करता है
  • तनाव और अवसाद को दूर करता है
  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जिससे शरीर के रोगमुक्त रहने में मदद मिलती है और खासतौर से मौसमी सर्दी जुकाम और पेट खराब रहने कि समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
  • शरीर में होने वाली टूट फुट को कम करता है। और यौवन बनाए रखने में सहायक है।
  • पुरुष हॉर्मोन या टेस्टोस्टेरॉन के स्रावण को बढ़ाता है। जिससे पुरुष की संभोग शक्ति बढ़ती है, कामोत्तेजना बढ़ती है, और वीर्य पुष्ट होता है।
  • शरीर के सामान्य स्वास्थ्य को संतुलित रखता है।

संभव नुकसान । Side effects of Zandu Vigorex Gold or Dabur Shilajit Gold capsules

दोनों ही कंपनियों ने अपने इन दोनों उत्पादों को रेगुलर इस्तेमाल के लिए बनाया है, तो आप मान सकते हैं, कि ये दोनों ही प्रोडक्ट काफी हद तक सुरक्षित हैं। लेकिन ध्यान रहे अगर आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जैसे दिल कि बीमारियाँ, गुर्दा रोग, मधुमेह, थाइरॉइड, तंत्रिका तंत्र कि समस्याएं, या उम्र का अधिक होना, तो बिना डॉक्टर की सलाह के इनका सेवन न करें।

साथ ही साथ इन दवाओं में धातुओं का भी प्रयोग किया गया है, तो खासतौर से अगर आपको लिवर या किड्नी प्रॉब्लेम्स हैं, तो डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। क्योंकि heavy metals जैसे स्वर्ण, रजत आदि का प्रयोग एक पुराने गुर्दा रोगी को ज़्यादा suit नहीं करता है।

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