Sunday, September 15, 2024

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सिंघाड़े के फायदे – सेहत के लिए चमत्कारी फल है ये – Singhada Health Benefits in Hindi

सिंघाड़ा या Indian Water caltrops, पानी में पैदा होने वाला, पानी की सतह पर फैलने वाला पौधा होता है। ये एक annual plant है, जो खसतौर से अपने फल के edible बीज के स्वाद और nutritional values की वजह से जाना जाता है। 

अगर बात सिंघाड़े की प्रजातियों की की जाए, तो सिंघाड़ा Water Chest nut परिवार का सदस्य है, और ये plant genus trapa से belong करता है। 

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सिंघाड़े कि प्रजातियाँ

  • trapa genus की कई species होती हैं। 
  • trapa bicornis 
  • trapa natans या  trapa bispinosa  और trapa rossica, 

इन सभी स्पीशीज़ से मिलने वाला फल हालांकि morphologically different होता है, लेकिन उससे मिलने वाले बीज, जिसको खाया जाता है, वो nutritional values में काफी हद तक समान होता है। 

कुछ खास है, भारतीय सिंघाड़ा में

इस article में हम indian caltrop या indian Water Chestnut के बारे में बात करेंगे, और जानेंगे, कि सिंघाड़ा या Indian Water Chestnut की medicinal properties क्या क्या होती हैं। इसके क्या health benefits  होते हैं, और इसको कैसे इस्तेमाल किया जाना चाहिए। 

सिंघाड़े का पौधा कैसा होता है, कहाँ उगता है, इसका फल जानिए

सिंघाड़ा उथले बरसाती रुके हुए  पानी में पैदा होता है, जिसकी गहराई 2   से  3    meter के आसपास होती है। ये हल्का muddy water होता है। सिंघाड़े के पौधे की पत्तियां पानी की सतह पर फैली रहती हैं। 

सिंघाड़े का नाम इसके फल की shape के ऊपर ही रखा गया है, इसके दोनों कोनों पर horns जैसे नुकीले कांटे के समान उभार होते हैं। 

सिंघाड़ा के अलग अलग नाम 

Paniphal, lingnut (English), Lingjiao, Water caltrop, Water chestnut, Hishi (Japanese), Singhoda (Gujrati)

Water caltrop commonly found and cultivated in India is Trapa Bispinosa

सिंघाड़े की nutritional value  – सिंघाड़े में पाए जाने वाले पोषक तत्व

अगर सिंघाड़े में मौजूद पौषण की बात की जाए, तो ये anti oxidants की भरमार होता है। हालांकि इसमे शरीर को एनर्जी और प्रोटीन देने वाली ऐसी कोई खास चीज़ नहीं होती है। इसमे वसा और carbohydrates भी न के बराबर होते हैं। लेकिन इसमे कई खास vitamins, minerals और organic compound होते हैं, जो मानव शरीर के विकास में important रोल play कर सकते हैं। इसमे vitamin b complex, potassium, managenese, copper, flavonoids पाए जाते हैं। 

सिंघाड़े के चमत्कारी फायदे – गुणों की खान है सिंघाड़ा

कुछ शोध बताते हैं, कि सिंघाड़े की गीरी में उपस्थिति anti oxidants काफी effectively free redicals को neutralize करते हैं। और उम्र के साथ बढ़ें वाली chronic diseases को रोकते हैं। 

आपको जानकर हैरानी होगी, कि पूरी तरह ठोस दिखने वाली सिंघाड़े के बीज में 80 प्रतिशत से भी ज़्यादा पानी होता है। 

तो इस तरह पता चलता है, कि सिंघाड़ा एक ज़बरदस्त anti-oxidant diet है।  

सिंघाड़ा दिल की बीमारियों से बचाता है 

शोधों में पाया गया है, कि सिंघाड़ा काफी effectively दिल की बीमारियों जैसे high blood प्रेशर, cardiac arrest , low density cholesterol और हार्ट attack जैसी परेशानियों में लाभदायक है, और इन बीमारियों के लिए preventive medicine के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। 

सिंघाड़े में potassium अच्छी खासी मात्रा में पाया जाता है, और clinical studies ये बताती हैं, कि potassium की उचित मात्रा लेने पर दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। ये रक्त में cholesterol की मात्रा को regulate करता है, और triglyceride 

सिंघाड़ा आपकी उम्र बढ़ने की रफ्तार काफी कम कर देता है

सिंघाड़े में हालांकि इतना पोषण नहीं होता है, कि इसको खाने से आपकी रोज़ मर्रा की एनर्जी, प्रोटीन, और पोषक तत्वों की ज़रूरत पूरी हो सके। लेकिन इसमे पाए जाने वाले कुछ किस्म के तत्व कमाल के anti oxidant होते हैं। और ये हमारे शरीर में रोज़ाना होने वाली टूटफूट की वजह से release होने वाले free radicals को neutralize करने में मदद करते हैं। आपको पता ही होगा, कि ये free radicals न केवल हमारे शरीर को तेज़ी से बुढ़ापे की तरफ ले जाते हैं, बल्कि इनकी अधिकता  cancer जैसी भयानक बीमारियों को भी जन्म दे सकते हैं। 

इसमे flavonoids, flavones, ferulic acid जैसे antioxidants पाए जाते हैं, जो powerful antioxidant का काम करते हैं। 

सिंघाड़ा मोटापा कम करने में मदद करता है। 

सिंघाड़े में ज्यादातर पानी होता है, और इसके अलावा इसके ठोस भाग को फाइबर ही तय्यार करता है। इस तरह अगर आप सिंघाड़ा अच्छी खासी मात्रा में consume कर लेते हैं, तो आपका पेट तो भर जाता है, और आपकी भूख भी मिट जाती है, लेकिन आप carbs और fat से बचे रहते हैं। अगर आपका वज़न बढ़ा हुआ है, और आप dieting पर हैं, तो सिंघाड़ा आपकी काफी मदद कर सकता है। 

सिंघाड़ा कैंसर से बचाता है। 

सिंघाड़ा न सिर्फ cancer की एक preventive medicine है, बल्कि ये cancer cells की growth को भी कम करता है। 

सिंघाड़े में पाया जाने वाला anti oxidant ferulic acid anti cancer होता है। 

विभिन्न शोधों में पाया गया है, कि ferulic acid, cancer cells की growth को कम करता है, और उनके खत्म करने में मदद मानव शरीर की मदद करता है। 

सिंघाड़ा पाचन तंत्र की कार्य प्रणाली को बेहतर करता है और कब्ज़ दूर करता है 

सिंघाड़े में fiber अच्छी खासी मात्रा में पाया जाता है। ये फाइबर intestine में food processing में मदद करता है, और stool यानि मल को बड़ी आंत में इकठ्ठा होने से रोकता है। आपको पता होना चाहिए, कि कब्ज़ और खाने का आंतों में अधिक समय तक पड़े रहना, या खाने का धीमा digestion, acidity, gas  और दूसरी digestive ट्रैक्ट संबंधी परेशानियों को जन्म देता है। सिंघाड़े का नियमित सेवन constipation दूर करता है 

क्या सिंघाड़ा यौन शक्ति भी बढ़ाता है।

सिंघाड़ा आयुर्वेद के प्राचीन योगों में विभिन्न पौरुष दुर्बलता दूर करने वाली दवाओं में इस्तेमाल किया गया है, और सिंघाड़ा वीर्य को पुष्ट करने में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। सिंघाड़ा हालांकि एक प्रबल यौन शक्ति वर्धक नहीं है, लेकिन इसके नियमित प्रयोग से कामेच्छा बढ़ती है, और सैक्स करने कि इच्छा बढ़ती है।

सिंघाड़ा खाने का तरीका 

सिंघाड़ा एक फल की तरह भी खाया जाता है, क्योंकि इसका स्वाद और खशबू काफी अच्छी लगती है। भारत और आसपास के देशों में सिंघाड़ा अक्सर फलों की दुकानों पर बिकता हुआ मिल जाता है, और लोग बड़े शौक से इसको खाते हैं। हालांकि ये एक मौसमी फल होता है, और साल के केवल कुछ महीनों में ही ये उपलब्ध हो पाता है। 

ताज़ा सिंघाड़े की गिरी की बात की जाए, तो एक व्यक्ति आधा से एक किलो तक सिंघाड़े भी आसानी से consume कर सकता है। और इसको इस तरह खाने का कोई भी नुकसान नहीं है। लेकिन ध्यान रहे, अगर आप इतनी मात्रा में सिंघाड़ा खाते हैं, तो आपको इसको खाना खाने के बाद या ठीक पहले ही consume करना चाहिए, वर्ना आपको दस्त लग सकते हैं, पेट में दर्द या उलटी आने की शिकायत हो सकती है। 

अगर सिंघाड़े की मौसम नहीं है, तो भी कोई बात नहीं है। आप सिंघाड़े की सूखी हुई गिरी खरीद सकते हैं, और उसको अच्छी तरह धोकर, सुखकर, उसका पाउडर बनाकर consume कर सकते हैं। 

इसकी गिरी को उबाल कर भी खाया जा सकता है। 

सिंघाड़े की खुराक

अगर बात इसके पाउडर की की जाए, तो 5 ग्राम पाउडर दूध में मिलाकर सुबह शाम पिया जा सकता है। 

सिंघाड़ा खाने के क्या कुछ नुकसान भी हो सकते हैं 

अगर संतुलित मात्रा में इसका सेवन किया जाए, तो सिंघाड़े की गिरी खाने का कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है, और ये एक पूरी तरह सुरक्षित आहार है। अगर कच्चा सिंघाड़ा ज़्यादा मात्रा में खा लिया जाए, तो fiber की अधिकता हो जाने के कारण पेट खराब हो सकता, दस्त लग सकते हैं, और उलटी भी आ सकती है। 

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