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जब लड़का 1 मिनट से कम में ही स्खलित हूँ जाता है, तो इस स्थिति को शीघ्रपतन कहा जाता है। नॉर्मली वीर्य 3 से 5 मिनट में निकलता है। कुछ लड़कों में या अवधि और भी ज़्यादा हो सकती है। लेकिन फीमैल satisfaction के लिए सेक्शुअल intercourse का कम से कम 3 से 5 मिनट तक बिना रुके चलना ज़रूरी है। अगर इससे पहले ही लड़का ejaculate हो जाता है, तो इस मेडिकल कन्डिशन को शीघ्रपतन या premature ejaculation बोला जाता है।
वीर्य के समय से पहले निकल जाने के कई कारण होते हैं। संभोग के समय घबराहट, आंतरिक शारीरिक कमज़ोरी , वीर्य का पतलापन, धात की समस्या, और कमज़ोर तंत्रिका तंत्र शीघ्रपतन के कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं।
किशोरावस्था में सैक्स के प्रति अधिक रोमांच भी कभी कभी वीर्य जल्दी निकल जाने का कारण हो सकता है।
यहाँ हम कुछ ऐसे आयुर्वेदिक तेलों के बारे में बात करेंगे, जो शीघ्रपतन की समस्या में लाभकारी होते हैं।
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लिंग को लंबा करने और तनाव बढ़ाने के लिए तेल
Camphor oil कपूर का तेल
Camphor या जिसको हिन्दी में कपूर का तेल कहते हैं। कपूर की छाल से निकाला जाता है। दोस्तों ये एक highly volatile तेल होता है, जिससे तीखी गंध आती है।
कपूर के तेल का प्रयोग विभिन्न प्रकार के त्वचा ले ऊपर लगाने वाले मरहम जैसे balm आदि में किया जाता है। कपूर का तेल में त्वचा को हल्का स सुन्न करने की प्रॉपर्टी होती है। यही वजह है कि जब सर दर्द होता है, या कहीं गुम चोट लग जाती है तो कपूर के तेल कि मालिश से आराम मिलता है।
कपूर के तेल की 5 बुँदे 30 बूंद जैतून के तेल में मिलाकर लिंग पर मालिश करने से लिंग की संवेदनशीलता कम हूँ जाती है, और संभोग का समय थोड़ा बहोत बढ़ाया जा सकता है।
सावधानी – कपूर के तेल को लिंग पर किसी कैरियर ऑइल में मिलाकर ही लगाएं, अन्यथा ये लिंग पर जलन पैदा कर सकता है।
Cajeput oil
Cajeput oil, Cajeput पेड़ की पत्तियों को उबालकर इससे निकलने वाली भाप के आसवन से तय्यार किया जाता है। ये तेल भी काफी वाष्पशील होता है, और बिना किसी कैरियर ऑइल में मिलाए इसको इस्तेमाल करना त्वचा के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। काजेपुट तेल में cineole namak रसायन पाया जाता है, जो लिंग पर मालिश करने से इसकी त्वचा में हल्का सुन्नपन पैदा करता है, और इसकी संवेदनशीलता कम करता है। और इस तरह शीघ्रपतन में फायदेमंद साबित हो सकता है।
पुदीने का तेल या Menthol oil
पुदीने में एक रसायन पाया जाता है, जिसको मेन्थोल कहा जाता है। पुदीने से मेन्थोल को मशीनों द्वारा अलग करके विभिन्न खाद्यपदार्थों, तेलों और माउथ freshener उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है। पुदीने के अलावा menthol कुछ दूसरे पौधों और कृत्रिम तरीकों से भी बनाया जा सकता है।
मिंट ऑइल भी एक बहुत सांद्र तेल होता है, और इसको बिना किसी दूसरे कैरियर तेल जैसे जैतून, नारियल तेल में मिलाकर ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
मिंट ऑइल कोई त्वचा पर लगाने पर पर एक ठंडेपन का एहसास होता है, और ये त्वचा में सुन्नपन पैदा करता है।
मिंट ऑइल की 3 बूंदे 10 बूँद नारियल या जैतून के तेल में मिलाकर लिंग पर मालिश करने से लिंग में सुन्नपन उत्पन्न होता है। और संभोग का समय बढ़ जाता है। अगर मिंट ऑइल क इस्तेमाल से लिंग में ज्यादा ठंडक महसूस होती है, तो आप इसकी सांद्रता कम कर सकते हैं।
Wintergreen oil
विन्टर ग्रीन ऑइल विन्टर ग्रीन प्लांट की पत्तियों का fermentation करके, उसके बाद distillation (आसवन) की प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है। विन्टरग्रीन ऑइल एक अति संवेदनशील तेल होता है, जिसकी कुछ बूंदे किसी कैरियर ऑइल (वाहक तेल) जैसे जैतून, तिल, सरसों आदि में मिलाकर प्रयोग की जाती हैं।
विन्टरग्रीन तेल का प्रयोग मुख्य रूप से दर्द निवारक मरहमों में किया जाता है। इस तेल की मालिश से गुम चोट, सर्दी जुकाम में, गले और छाती की मालिश आदि में किया जाता है।
अगर 20 बूंद जैतून के तेल में 5 बूंद विन्टर ग्रीन तेल की मिलाकर लिंग पर मालिश की जाए, तो इससे लिंग में हल्का सा सुन्नपन उत्पन्न होता है। और कुछ समय के लिए लिंग की त्वचा संवेदनाओं को कम महसूस कर पाती है। तो इस तरह से ये शीघ्रपतन में सहायक है।
जोंक का तेल Leech Oil
जोंक के तेल के बारे में अक्सर लोग ये विश्वास रखते हैं, कि इसकी मालिश से हर तरह की sexual weakness दूर होती है, चाहे वो erectile dysfunction हो या premature ejaculation दोनों ही रोगों में ये फायदेमंद है।
अगर जोंक के तेल की मालिश मेल ऑर्गन के चारों तरफ वाले भाग जैसे pubic area, पेल्विक फ्लोर, ग्रॉइन एरिया पर की जाए, तो ऐसा करने से इन areas की muscles मज़बूत होती हैं। और इन मसल्स को कान्ट्रैक्ट करके वीर्य वेग को रोका जा सकता है।
Ginger Oil अदरक का तेल
अदरक का विशेष विधि से बनाया गया सांद्र तेल किसी वाहक तेल जैसे जैतून के तेल में मिलाकर pubic area, पेल्विक फ्लोर, ग्रॉइन एरिया पर प्रयोग करने से इन areas की muscles मज़बूत होती हैं। और इन मसल्स को कान्ट्रैक्ट करके वीर्य वेग को रोका जा सकता है। ध्यान रहे कि अदरक का तेल लिंग पर सीधा कभी न लगाएं क्योंकि ये त्वचा में जलन पैदा कर सकता है।
अगर बात brands की की जाए, तो डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ आदि कंपनियों ने ऐसा कोई तेल मार्केट में नहीं उतारा है, जो खासतौर से शीघ्रपतन के लिए बनाया गया हो।