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Confido और Speman हिमालया आयुर्वेदिक दवा निर्माता कंपनी के दो बड़े नाम हैं। समान पैकिजींग और समान से घटक द्रव्यों वाली ये दो दवाएं अक्सर उपभोक्ताओं में कन्फ़्युशन की स्थिति पैदा करती रहती हैं।
Confido aur Speman me kya Confusion hai?
समान दिखने वाली बोतल और ये उल्लेख नहीं कि कौन से रोग में, इनको लिया जाना चाहिए।
दोनों दवाओं की न केवल पैकिजींग समान है, बल्कि इनपर कहीं नाही लिखा है, कि ये किस बीमारी में प्रयोग कि जानी चाहिए।
असल में ये कन्फ़्युशन क्रीऐट करने के लिए स्वयं हिमलया कंपनी ही ज़िम्मेदार है। ज़्यादातर आयुर्वेदिक दवाओं के ऊपर साफतौर पर लिखा हुआ होता है, कि किस बीमारी में, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी में, उस दवा को लिया जा सकता है। लेकिन चाहे कॉन्फिडो हो या इसपिमेन, दोनों ही दवाओं पर ये कहीं नहीं लिखा है, कि ये किस रोग के लिए बनाई गई हैं। केवल इनको इस्तेमाल करने का तरीका, और इनमे डाले गए घटक द्रव्य ही इनकी बोतलों के ऊपर लिखे हुए हैं।
समान घटक द्रव्य
यही नहीं इससे भी बड़ी दुविधा की स्थिति तब पैदा होती है, जब उपभोक्ता दोनों दवाओं के घटक द्रव्यों पर नज़र डालता है। आपको जानकार हैरानी होगी, कि दोनों ही दवाओं में समान द्रव्यों का प्रयोग किया गया है। अगर सर्पगंधा को चोद दिया जाए। हम आपको बता देना चाहते हैं, कि Confido में सर्पगंधा का भी प्रयोग किया गया है, जिसका प्रयोग आयुर्वेद में एक तनाव रोधी औषधि के रूप में किया जाता है। सरपगंधा अनिद्रा और घबराहट जैसी समस्याओं में भी उपयोगी होती है।
केवल एक फर्क
लेकिन रिसर्च में ये भी बात सामने आई है, कि सरपगंधा के कुछ गंभीर साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इसमे पाया जाने वाला रसायन रेसर्पीन, शरीर की रासायनिक क्रियाओं में अवरोध उत्पन्न करके उलटी आना, सर चकराना , ऐलर्जी और घबराहट जैसे साइड इफेक्ट को जन्म दे सकता है। तो हम ये कह सकते हैं, कि Confido उतना सुरक्षित नहीं है, जितना कि Speman.
Confido और Speman को किसिलिए बनाया गया है, कंपनी ने इसका उल्लेख नहीं किया है, इसकी वजह यही है, कि कंपनी नहीं चाहती, कि बिना डॉक्टर कि सलाह के इस उत्पाद को प्रयोग किया जाए।
किस दवा का क्या रोगाधिकार है?
लेकिन आयुर्वेद में जो रोगधिकार कि संकल्पना है, उसके आधार पर हर दवा किसी एक बीमारी में सबसे अच्छा कार्य करती है। देखा जाए तो इन दोनों दवाओं के घटक द्रव्य लगभग समान हैं, भले ही उनकी मात्रा अलग अलग हो, और प्रयोग किये गए अधिकतर द्रव्य वाजीकर हैं, अर्थात पौरुष दुर्बलता को दूर करने वाले हैं। तो एक बात तो साफ है, कि दोनों ही दवाएं, पौरुष दुर्बलता से जुड़े हर रोग में कुछ न कुछ असर अवश्य करती हैं।
लेकिन अगर रोगधिकार की बात की जाए, तो आयुर्वेद विशेषज्ञों ने Confido को मुख्य रूप से शीघ्रपतन के लिए चुना है। कई सारे पुरुषों को घबराहट के कारण शीघ्रपतन की समस्या हो जाती है। Confido के नियमित उपयोग से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, और उनका दिल मजबूत होता है, जिसके कारण उनका वीर्य जल्दी नहीं निकलता है।
वहीं दूसरी तरफ Speman को आयुर्वेदीक डॉक्टर मुख रूप से वीर्य संबंधी समस्याओं में प्रयोग करते हैं। खास तौर से शुक्राणुओं की कमी, शुक्राणुओं कि छलांशीलता से संबंधित परेशानियाँ, और शुक्राणु स्वास्थ्य से जुड़े रोगों में इस दवा का प्रयोग होता है। धात, वीर्य का पतलापन, स्वप्नदोष में भी Speman का प्रयोग किया जा सकता है।
क्या दोनों को एक साथ लिया जा सकता है?
Scenario 1
इस विषय पर अलग अलग आयुर्वेदाचार्यों कि अलग अलग राय है। अगर किसी को वीर्य संबंधी रोग भी हैं, और शीघ्रपतन भी है, तो कुछ डॉक्टर दोनों दवाएं बराबर मात्रा में साथ साथ लेने की सलाह देते हैं।
Scenario 2
जबकि कुछ डॉक्टर आधी आधी मात्रा में दोनों दवाएं साथ लेने की सलाह देते हैं।
Scenario 3
कुछ डॉक्टर Confido को Speman का विकल्प मान लेते हैं, और उनका मानना होता है, कि दोनों तरह की बीमारियाँ होने पर कॉनफीदो का ही प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि Confido में वो सभी दवाएं मौजूद हैं, जो Speman में डाली गई हैं।
Scenario 4
अगर किसी को केवल वीर्य संबंधी दोष हैं, तो उसको Confido और Speman एक साथ नहीं लेनी चाहिए। बल्कि केवल Speman ही लेनी चाहिए। हालांकि अगर उसको किसी कारणवश Speman उपलब्ध नहीं हो पा रही है, तो वो Confido प्रयोग कर सकता है।
Scenario 5
अगर किसी को केवल शीघ्रपतन संबंधी परेशानी है, तो Speman प्रयोग न करे, और केवल Confido ही प्रयोग करे।