Thursday, October 3, 2024

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Gond Katira ke Fayde Hindi me / Gond Katira Mardana Taqat ke Liye

आज के आधुनिक युग में अत्यधिक व्यस्त होने के कारण हम सभी भागदौड भरी ज़िन्दगी जी रहे हैं हमारे पास काम का इतना बोझ होता है कि हम न तो अपने शरीर का ख्याल रख पाते हैं और न ही शरीर को स्वस्थ रखने वाले पोषक तत्वों व संतुलित भोजन की तरफ हमारा ध्यान जाता है। समय की कमी की वजह से हम instant food products, packaged food products, junk food इत्यादि पर निर्भर होते जारहे हैं इस तरह की खाद्य सामग्री हमारे समय को तो बचा देती है लेकिन उसका बुरा प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। सन्तुलित आहार की अगर बात करें तो ऐसा भोजन जिसमे हमारे शरीर की आवश्यकता के अनुसार सभी पोषक तत्व (Carbohydrates, fats, protein, vitamins, minerals etc.) सही मात्रा में मौजूद होते हैं उसे संतुलित भोजन कहा जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे पता चलेगा हमारी आवश्यकता कितनी है

तो इसका जवाब है RDA मतलब Recommended Dietary Allowances। यह ICMR (Indian council of medical research) द्वारा प्रस्तावित एक Table होती है जिसमे सभी आयु वर्गों व उनके कार्यभार के अनुसार पोषक तत्वों की मात्रा निर्धारति की गयी है।

संतुलित भोजन करना अत्यधिक ज़रूरी होता है क्योंकि असंतुलित खाना खाने, हमेशा जल्दी में रहने, व्यायाम न करने से हमारा शरीर बीमारियों का घर बन जाता है हमारी immunity कमज़ोर हो जाती है और हम सदैव छोटी बड़ी बीमारियों से घिरे ही रहते हैं।

यहाँ हम यह बात स्पष्ट करना चाहते हैं कि स्वस्थ होने का मतलब सिर्फ शरीर का बीमारियों से मुक्त होना ही नहीं है बल्कि मानसिक (mentally), सांवेगिक (emotional) और सामाजिक (social) रूप से स्थिरता की अवस्था में होना संपूर्ण स्वस्थता का प्रतीक है जैसा कि WHO (World Health Organisation) ने भी स्वास्थ्यए की परिभाषा कुछ इसी प्रकार से दी है “Health is the state of complete physical, mental and social wellbeing and not merely the absence of disease or infirmity.”

हमारे स्वास्थ्यए के सभी आयाम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं जैसे जब हमारे शरीर में कोई बीमारी होती है तो हम मानसिक तौर से भी चिड़चिड़े होजाते हैं, उसके बाद हमारा अपने emotions पर नियंतरण नहीं रह पाता है और हम समाज में किसी के भी साथ सही तरह से बर्ताव नहीं कर पाते हैं। इसीलिए हमारे शरीर व मन दोनों का स्वस्थ रहना बेहद ज़रूरी है, नहीं तो हमारा जीवन ही बोझ जैसा लगने लगता है। आजकल हममे से ज़्यादातर लोग कुछ समस्याओं से बहुत परेशान हैं जैसे मोटापा (obesity), डायबिटीज (diabetes), उच्च रक्तचाप (high blood pressure), होर्मोनेस का असंतुलन (hormonal imbalance) इत्यादि इन बीमारियों के एक बार हो जाने के बाद हम बस दवाओं के ही होकर रह जाते हैं। आजकल आयुर्वेद शास्त्र की तरफ लोगों का बहुत रूझान देखने को मिल रहा है और सभी प्राकर्तिक तत्वों व जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करके तंदरुस्त व सुखी रहना चाहते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है की ये प्राकर्तिक पदार्थ हमारी शारीरिक व मानसिक शक्ति को तो बढ़ाते ही हैं साथ ही इनका कोई side effect भी नहीं होता है तथा हमारे ऊपर allopathic dawaon के कारण पड़ने वाला आर्थिक बोझ (financial strain) भी कुछ हद तक कम होजाता है। आज हम इस आर्टिकल में आपको एक बहुत बेहतरीन और औषधिय गुणों से भरपूर प्राकर्तिक तत्व “Gond Katira” के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके इस्तेमाल से आप अपनी शारीरिक शक्ति बढ़ा सकते हैं और साथ ही बीमारियों से अपने शरीर की रक्षा कर सकते हैं।

Gond Katira को Acacia या Tragacanth Gum भी कहा जाता है यह पेड़ों की जड़ों (plant roots) या शाखाओं (plant branches)से निकलने वाला एक द्रव पदार्थ होता है जोकि सुखने के बाद कठोर रूप लेलेता है और पानी में भिगोने पर वापस से चिपचिपा पदार्थ (viscous jelly) बन जाता है जिसे कि paste बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।। यह बहुत भी लाभकारी आयुर्वेदिक तत्व होता है जिसे कई प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में प्रयोग किया जाता है। इसमें कई प्रकार के लाभदायक nutrients जैसे कि Energy, Carbohydrates, Fibre, Minerals, Sodium, Iron, Galactose, Glucoronic Acid, Arabinogalactan-Protein Complex, Glycoprotein इत्यादि। Gond Katira में anti-fungal, anti-microbial, adaptogenic, aphrodisiac, anti-diarrheal तथा anti carcinogenic properties पायी जाती है और यह कई असामान्य स्थितियों को ठीक करने में प्रयोग किया जाता है जैसे ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों को ठीक करने में ,कमज़ोर हड्ड़ियों को ठीक करने मे, रक्त की कमी को दूर करने में, कमज़ोरी दूर करने में, त्वचा सम्बन्धी रोगों को ठीक करने में, साथ ही यह गर्भवती व स्तनपान कराने वाली स्त्रियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा इसे बहुत से भोज्य पदार्थों को बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है जैसे अचार (Pickles), कढ़ी (curries), विभिन्न प्रकार की चटनियाँ (ketchups) मेयोनेज़ (mayonnaise) इत्यादि साथ ही विभिन्न recipes में इसे thickening agent (गाढ़ापन देने वाले पदार्थ) के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।आइये इसके लाभों के बारे में विस्तार से जानते हैं –

लाभ Benifits of Gond Katira

मोटापा दूर करता है (reduces obesity)- Gond katira वज़न कम करके मोटापा करने में अत्यधिक लाभकारी है। इसका इस्तेमाल करने से शरीर के वासिय ऊतकों (adipose tissues) में जमा चर्बी धीरे धीरे पिघल जाती है और शरीर का वज़न कम होजाता है जिससे मोटापे के कारण होने वाली अन्य complications का खतरा भी कम होजाता है।

उत्सर्जन तंत्र के विकारों को दूर करता है (heals urinary system diseases)- Gond Katira, Kidney inflammaiton को ठीक करता है, urinary tract में किसी प्रकार का blockage हो तो उसे भी ठीक करता है। यह किडनी की कार्य क्षमता बढ़ाता है और पथरी (renal calculi) पर उसे घोलकर यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकलता है और उससे सम्बंधित दर्द को भी कम करता है। कुछ लोगों का मूत्राशय (urine bladder) पर कण्ट्रोल नहीं होता और urination होजाता है इस अनैच्छिक और अनियंत्रित (involuntary and uncontrolled) urination से भी Gond Kikar बचाव करता है।

रक्त शर्करा का स्तर कम करता है (Control blood sugar level)– Gond katira रक्त शर्करा को कम करके डायबिटीज के उपचार में सहायता देता है यह रक्त में व्याप्त ग्लूकोस को ऊर्जा के स्त्रोत के रूप में इस्तेमाल करके सीरम ग्लूकोस लेवल को भी नियंत्रित करता है। यह शरीर में इन्सुलिन (यह एक हॉर्मोन होता है जोकि अग्नाशय की बीटा सेल्स से निकलता है) के स्त्राव को भी उत्तेजित करता है जोकि extra glucose को Glycogen (stored form of glucose) में बदलने का काम करता है और blood glucose level बढ़ने नहीं देता है। डायबिटीज के कारण होने वाली अन्य समस्याओं जैसे बार बार urination के लिए जाना, अधिक भूख व प्यास लगना (polydepsia and polyphagia), मोटापा (Obesity) इत्यादि को ठीक करने में भी यह सहायक होता है।

गर्भवती व स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए असरकारक (Beneficial for pregnant and lactating woman)- जैसा की ऊपर बताया गया है कि Gond katira में Protein, calcium, magnesium, fibre व iron इत्यादि अच्छी मात्रा में पाया जाता है जोकि गर्भवती महिला व उसके शिशु (foetus) के विकास में बहुत मदद करता है। यह महिलाओं की हड्डियों व जोड़ों को भी मज़बूत करता है खासकर रीढ़ की हड्डी (spinal column) यह गर्भावस्था में होने वाली एसिडिटी और कब्ज़ (acidity and constipation) को भी कम करता है साथ ही गर्भावस्था में होने वाली डायबिटीज की समस्या को होने से भी रोकता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं में यह mammary glands के द्वारा दुग्ध उत्पादन (milk production)को उत्तेजित करता है।

कैंसर के उपचार में सहायक है (helpful in treating cancer)- Gond katira में Anti carcinogenic properties पायी जाते है जो की शरीर में कैंसर सेल्स को बनने व बढ़ने से रोकते हैं और इसमें पाए जाने वाले anti-oxidants शरीर में मुक्त कणों (free radicals) की क्रिया को रोककर कोशिकीय हानि (cellular damage) होने से रोकते हैं।

त्वचा सम्बन्धी विकारों को दूर करता है (treats skin problems)- आजकल के प्रदूषित वातावरण में रहने और खानपान में गड़बड़ियों के कारण त्वचा की बीमारियां होना एक आम बात हो गयी है जिन्हे ठीक करने में Gond katira काफी लाभदायक होता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स और anti-ageing properties त्वचा की विभिन्न समस्याओं जैसे कील, मुहाँसें, एलर्जी, दाने, झुर्रियां, dark spots, blemishes इत्यादि को ठीक करने में बहुत फयदेमंद होता है।

पाचन सम्बंधित विकारों को दूर करता है (treats digestive ailments) – Gond katira में purgative properties पायी जाती हैं यह पाचन संस्थान की क्षमता बढ़ाकर अपच (indigestion), गैस (gas formation), मतली आना (nausea) पेप्टिक अलसर (peptic ulcer), बवासीर (piles) जैसी शिकायतों को होने से रोकता है। इसमें रेशा पर्याप्त मात्रा में होता है जिसके द्वारा यह आंतों की peristalsis movement को बढाकर व्यर्थ पदार्थों को जमा होने से रोकता है साथ ही यह एक अच्छे laxative के रूप में कार्य करके कब्ज़ (constipation) जैसी कष्टदायी समस्या को होने से रोकता है।

यौन सम्बन्धी रोगों को ठीक करने में सहायक है (treats sexual disorders)– Gond katira पुरुषों व महिलाओं की विभिन्न जनन संसथान सम्बन्धी परेशानियों को कम करने व उनसे बचाव करने में काफी उपयोगी है। पुरुषों की बात की जाये तो यह उनमें शीघ्र पतन (premature ejaculation), स्वप्न दोष (night fall), शिश्न की शिथिलता (penile disabilities) इत्यादि को कम करता है पुरुषों के जनन अंगों को शक्ति प्रदान करके यह कामेच्छा (libido) व काम प्रदर्शन में वृद्धि करता है। यह एक शक्ति वर्धक पदार्थ है जो पुरुषों के शरीर की सामान्य कमज़ोरी (general disabilities) को दूर करता है, शुक्राणु निर्माण (spermatogenesis) की प्रकिर्या को तेज़ करके पुरुष बांझपन (male infertility) का इलाज करता है तथा उनका stamina boost करता है।

महिलाओं में यह प्रजनन अंगों को मज़बूती देता है, मासिक धर्म (menstrual cycle) के दौरान होने वाली पीड़ा और अनियमितताओं को दूर करता है, hormones का संतुलन बनाये रखता है तथा गर्भधारण (conception) शक्ति को बढ़ाता है। संपूर्ण गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करने से शरीर में शक्ति आती है और प्रसव (labour) के दौरान होने वाले कष्ट और जटिलताओं को खतरा भी कम हो जाता है।

खुराक (Dosage)

अगर टेबलेट के रूप में ले रहे हैं तो 3-4 टेबलेट प्रतिदिन के हिसाब से लेने की सलाह दी जाती है और यदि प्राकर्तिक रूप में इसका सेवन करना हो तो 5 ग्राम Gond Katira को पानी में भिगोकर रखना चाहिए और सुबह पानी निकालकर एक गिलास दूध में मिलाकर इसका सेवन करना चाहिए।

दुष्प्रभाव (Side effects)-

वैसे तो Gond Katira पूर्ण रूप से प्राकर्तिक है जिसके बहुत सारेफायदे होते हैं लेकिन कुछ केसेस में जो व्यक्ति पहले से किसी अन्य रोग के कारण दवा का सेवन कर रहे हों या बहुत ज़्यादा sensitive हो तो उनमे कुछ दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं जैसे-

आंतों में अवरोधन की समस्या होना (Blockage in the intestines)

शरीर पर दाने हो जाना (Rashes on the skin)

साँस लेने में कठिनाई होना (Breathing difficulty)

पेट में दर्द (abdominal pain)

गैस बनना (Gas formation)

चक्कर आना (Dizziness)

सिर दर्द होना (Headache) इत्यादि

सावधानियाँ (Precautions)

Gond Katira का प्रयोग करते समय कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए जिससे समस्या को जल्दी ठीक किया जा सके तथा किसी गंभीर दुष्प्रभाव का सामना भी न करना पड़े जैसे-

• एक बार डॉक्टर से मिलकर अपनी स्थिति बतादेनी चाहिए तथा उनके द्वारा निर्धारित मात्रा के अनुसार इसका सेवन करना चाहिए।

• gond katira के सेवन के बाद किसी प्रकार के असामान्य लक्षण दिखने पर इसका प्रयोग देना चाहिए तथा डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

• किसी अन्य रोग की औषधि का इस्तेमाल करने पर डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका सेवन करें क्योंकि कुछ allopathic दवाइयां प्राकर्तिक तत्वों के साथ react करके हानिकारक प्रभाव उत्पन्न कर सकती हैं।

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