स्त्री और पुरुष, दोनों के साथ ही, उनके काम जीवन से जुड़ी हुई परमात्मा ने कई बड़ी चुनौतियाँ रखी हैं। जहां एक तरफ स्त्री को हर महीने मासिक धर्म का दंश झेलना पड़ता है, प्रसव पीड़ा सहनी पड़ती है, 9 महीने तक शिशु को अपने पेट में रखना होता है। उसको पैदा होने पर दूध पिलाना पड़ता है, वहीं दूसरी तरफ पुरुष के सामने भी सैक्स से जुड़ी कम चुनौतियां नहीं है। यह बात सच है कि स्त्री संभोग क्रिया में एक तरह से निश्चिंत रहती है। और उसके मस्तिष्क में किसी भी तरह का यह दबाव नहीं रहता है, कि कहीं वह अपने साथी को संतुष्ट ना कर पाए। क्योंकि स्त्री के अंदर प्रकृति ने काफी अधिक समय तक संभोग करने की शक्ति रखी है।
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ढीले लिंग से संभोग क्रिया करना मुश्किल और कभी कभी असंभव हो जाती है
साथ ही साथ स्त्री के सामने वह खास समस्या नहीं आ सकती, जो पुरुषों को झेलनी पड़ सकती है, और वह होती है लिंग का ढीलापन। ना सिर्फ लिंग का ढीलापन, बल्कि समय से पहले वीर्य का निकल जाना पुरुष के सामने दो बड़ी समस्याएं हो सकती है।
अगर किसी वजह से पुरुष के लिंग में पर्याप्त कठोरता नहीं आती है, तो वह स्त्री अंग को भेद पाने में पूरी तरह से सक्षम नहीं होता है, और अगर वह भेद पाने में किसी तरह से कामयाब हो भी जाता है, तो भी वह ढीले लिंग के साथ स्त्री को संतुष्ट नहीं कर पाता है।
वीर्य जल्दी निकल जाना औरत को चरमसुख से वंचित कर देता है
दूसरी सबसे बड़ी समस्या जो पुरुषों के सामने हो रहती है, वह होती है, उनका संभोग के समय वीर्य का समय से पहले ही निकल जाना।
जब स्त्री और पुरुष संभोग क्रिया को करते हैं, तो स्त्री चाहती है कि पुरुष उसको पूरी तरह से संतुष्ट करें। इतनी देर तक वह संभोग कर सके, कि स्त्री को चरम सुख मिल जाए, और दोनों स्खलित हो कर काम क्रिया का पूरा आनंद उठा सकें। लेकिन कई सारे पुरुषों में वीर्य समय से पहले निकल जाने के कारण, उनका लिंग समय से पहले ही ढीला हो जाता है, और वह संभोग क्रिया को समाप्त कर देते हैं। जबकि स्त्री को चरम सुख नहीं मिल पाता है, और वह असंतुष्ट ही रह जाती है। इसका सीधा असर उन दोनों के ही वैवाहिक जीवन पर पड़ता है।
नपुंसकता पुरुष के वैवाहिक जीवन को समाप्त कर सकती है
जहां एक और पुरुष तनाव, और हीन भावना से ग्रस्त हो जाता है। वहीं दूसरी ओर स्त्री भी चिड़चिड़ी हो जाती है, क्योंकि उसे संभोग सुख नहीं मिल पाता है।
इन दोनों ही समस्याओं से पार पाने के लिए पुरुष विभिन्न दवाओं का सेवन करता है। अंग्रेजी दवाएं खाता है। कुछ समय तक अंग्रेजी दवाइयाँ उस पर काम करती हैं, लेकिन धीरे-धीरे उनका प्रभाव समाप्त हो जाता है। साथ ही साथ, इन अंग्रेजी दवाओं के काफी हानिकारक दुष्प्रभाव भी मानव शरीर पर हो सकते हैं। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां भी एक हद तक ही लिंग के ढीलेपन को खत्म करने में साथ दे सकती हैं। लेकिन लिंग में अगर हद से ज्यादा ढीलापन आ जाए, तो उस स्थिति में कोई भी दवा, चाहे वह अंग्रेजी हो, या आयुर्वेदिक, लिंग को कठोर नहीं कर पाती है। ऐसी दशा में पुरुष के पास क्या विकल्प हो सकता है।
कई पुरुष इस भयावह परिस्थिति को झेल नहीं पाते हैं, और उनका वैवाहिक जीवन एक बुरे मोड़ पर आकर समाप्त हो जाता है।
Belt Condom या Belt Penis ढीले लिंग के साथ संभोग करने का एकमात्र और प्रभावी तरीका
तो यहां पर हम एक ऐसी युक्ति के बारे में बात करने वाले हैं, जो लिंग के ढीलेपन का एक तुरंत समाधान है।
और उस युक्ति का प्रयोग करके, तुरंत ही एक 8 इंच तक लंबा मोटा, और कठोर लिंग प्राप्त किया जा सकता है। और पुरुष इस लिंग की मदद से स्त्री को संतुष्ट कर सकता है।
बेल्ट पेनिस एक कठोर कवच होता है, जो लिंग को दृढ़ता प्रदान करता है
देखा जाए तो यह एक कठोर खोल होता है, जो लिंग के ऊपर पहना जाता है। हालांकि यह खोल छूने पर भी बिल्कुल असली त्वचा का एहसास कराता है। लेकिन यह पूरी तरह से कठोर होता है, और जब इसको लिंग पर चढ़ा लिया जाता है, तो लिंग के ऊपर चढ़ा ये कवच एक असली लिंग की तरह दिखाई देता है, और इसको बेल्ट की सहायता से पुरुष कमर पर बांध लेता है, और अपने साथी के साथ संभोग करने में पूरी तरह सक्षम हो जाता है।
बेल्ट पेनिस छूने पर बिल्कुल असली त्वचा जैसा लगता है
तो सबसे पहले बात करते हैं, कि यह बेल्ट वाला लिंग किस पदार्थ से बना होता है।
मित्रों यह बेल्ट वाला लिंग, एक खास किस्म की प्लास्टिक का बना होता है, जिसे सिलिकॉन कहते हैं। सिलिकॉन एक बहुत ही खास किस्म की प्लास्टिक पॉलीमर होती है, जिसको छूने पर बिल्कुल असली मानव त्वचा का एहसास होता है। और जब यह स्त्री की योनि में जाता है, तो उसकी योनि को बिल्कुल ऐसा ही अनुभव होता है, जैसा उसकी योनि में एक वास्तविक लिंग के जाने पर होता है। और चूंकि इस प्लास्टिक लिंग के ऊपर जो संरचना बनी होती है, वह बिल्कुल असली लिंग की तरह बनाई जाती है, जैसे की लिंग की नसें, टोपी आदि।
साथ में अटैच बेल्ट की सहायता से इसको आसानी से ढीले लिंग पर फिक्स किया जा सकता है।
इस बेल्ट लिंग के साथ एक बेल्ट दी जाती है, जो कमर पर आसानी से पहनी जा सकती है, और पुरुष इसकी मदद से इस कृत्रिम लिंग को, अपने असली लिंग पर फिक्स कर सकता है, और संभोग क्रिया के दौरान यह पूरी तरह से दृढ़ता के साथ लिंग के ऊपर डटा रहता है। अब बात करते हैं, कि बेल्ट लिंग को प्रयोग करने का। क्या तरीका होता है?
बेल्ट कान्डम सालों साल चलने वाला कान्डम है
बेल्ट लिंग 1 सालों साल चलने वाला उपकरण है, और इसको धो कर, सुखा कर बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें एक गहरा सुराख होता है, जिसके माध्यम से, ढीले या कठोर लिंग को अंदर डाला जा सकता है, और आसानी से संभोग किया जा सकता है। जब आप का साथी पूरी तरह संतुष्ट हो जाए, तो आप बेल्ट लिंग को उतारकर, अपना वीर्य भी निकाल सकते हैं, और स्वयं भी चरमसुख प्राप्त कर सकते हैं।
बेल्ट लिंग के प्रयोग में क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए
मित्रों, बेल्ट लिंग, या प्लास्टिक लिंग, या रबड़ का लिंग एक पूरी तरह से सुरक्षित डिवाइस है, और इसका किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं है। बस जब आप इसको प्रयोग करें, तो इसके ऊपर कोई तरल पदार्थ, जैसे कोई सीरम या तेल लगा सकते हैं, ताकि जब यह महिला की योनि में जाए, तो किसी भी तरह का घर्षण उत्पन्न ना करें। जब आप संभोग क्रिया समाप्त कर चुके हो, तो आप इसको शैंपू से, या किसी हर्बल साबुन से धोकर अच्छी तरह सुखा कर, किसी पॉलिथीन में रख दें। कोशिश करें, कि जिस जगह पर आप रखे, वहां पर नमी ना हो, क्योंकि याद रखिए, जितना आप अपने बेल्ट सिलिकॉन कंडोम को नमी से बचाएंगे, यह उतना ही अधिक समय तक चलेगा। सामान्य तौर पर एक बेल्ट वाला लिंग 5 साल तक भी चल सकता है।